युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – राहुल गांधी के कारण भाजपा नेताओं को खाना हजम नहीं होता


श्रीनिवास ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राहुल का नाम आते ही भाजपा नेताओं को नींद नहीं आती है और वे जो खाना खाते हैं, उन्हें हजम नहीं होता है।” उन्होंने कहा कि राहुल अपनी नानी की तबीयत खराब होने के कारण उनसे मिलने विदेश गए थे। लेकिन भाजपा ने उनकी इस यात्रा को बेवजह मुद्दा बना दिया।


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मध्य प्रदेश Updated On :

इंदौर (मध्यप्रदेश) । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की हालिया विदेश यात्रा पर भाजपा के सवाल उठाए जाने को लेकर पलटवार करते हुए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सोमवार को तंज कसा। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार के खिलाफ राहुल की मुखरता के कारण भाजपा नेताओं को न तो नींद आती है, न ही उन्हें खाना हजम नहीं होता है।

श्रीनिवास ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राहुल का नाम आते ही भाजपा नेताओं को नींद नहीं आती है और वे जो खाना खाते हैं, उन्हें हजम नहीं होता है।” उन्होंने कहा कि राहुल अपनी नानी की तबीयत खराब होने के कारण उनसे मिलने विदेश गए थे। लेकिन भाजपा ने उनकी इस यात्रा को बेवजह मुद्दा बना दिया।

युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “कोरोना वायरस संकट हो या नये कृषि कानून, केंद्र सरकार के खिलाफ राहुल ने ही सबसे पहले आवाज उठाई थी।” कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल के पार्टी की दोबारा कमान संभालने की अटकलों पर उन्होंने कहा, “राहुल (दोबारा कांग्रेस के) अध्यक्ष बनेंगे और इस देश को बचाएंगे।”

मीडिया के साथ बातचीत से पहले, श्रीनिवास और युवा कांग्रेस के अन्य आला नेताओं ने केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ “एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम” के शीर्षक से राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरूआत की। युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि दिल्ली की सरहदों पर जारी किसान आंदोलन के दौरान करीब 70 अन्नदाताओं की मौत हो चुकी है।

श्रीनिवास ने कहा, “हम इन शहीद किसानों के सम्मान में भारत भर से मिट्टी जमा करेंगे और दिल्ली में इसके इस्तेमाल से देश का नक्शा बनाएंगे ताकि किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार की नींद खुल सके।”

युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मां की मौत पर शोक जताते हुए उन्हें चिट्ठी लिख सकते हैं। लेकिन किसान आंदोलन में भारत के अन्नदाताओं की शहादत पर एक भी शब्द कहने का उनके पास समय नहीं है।”



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