पीएमसी बैंक घोटाला : वीवा समूह के प्रबंध निदेशक और चार्टर्ड अकाउंटेंट की जमानत याचिका खारिज

मुंबई में एक विशेष अदालत ने 4300 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले में वीवा समूह के प्रबंध निदेशक मेहुल ठाकुर और चार्टर्ड अकाउंटेंट मदन चतुर्वेदी को जमानत देने से इनकार किया।

मुंबई। मुंबई में धन शोधन निरोधक अधिनियम (एमएमएलए) की एक विशेष अदालत ने 4300 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले में वीवा समूह के प्रबंध निदेशक मेहुल ठाकुर और चार्टर्ड अकाउंटेंट मदन चतुर्वेदी को जमानत देने से इनकार कर दिया।

विशेष न्यायाधीश अभिजीत नंदगांवकर ने आठ अप्रैल को जमानत याचिका खारिज कर दी। इस आदेश की विस्तृत प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हो पाई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने ठाकुर और चतुर्वेदी को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे आर्थर रोड जेल में हैं।

उन्होंने इस आधार पर स्वत: जमानत दिये जाने का अनुरोध किया था कि जांच एजेंसी पहली बार रिमांड पर लिये जाने के 60 दिनों की अनिवार्य अवधि के अंदर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई है।

निदेशालय की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक सुनील गोंसाल्वेज ने हालांकि अदालत को बताया कि आरोप पत्र 19 मार्च को दायर किया गया था और यह समय सीमा के अंदर था। उन्होंने अदालत से कहा कि ऐसे में इस याचिका का कोई आधार नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।

अदालत ने दस्तावेजों को देखने के बाद पाया कि आरोप-पत्र तय समयसीमा के भीतर दायर किया गया था। ईडी ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित तौर पर ऋण फर्जीवाड़े के सिलसिले में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

First Published on: April 10, 2021 10:06 PM
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