SAVE HISTORICAL MONUMENTS: औरंगाबाद का ऐतिहासिक ‘किला ए अर्क’ बन रहा है खंडर !

इस किले के निर्माण का आदेश स्वयं औरंगजेब द्वारा सन 1692 में दिया था। ये किला आज खंडहर बन चुका है। मगर फिर भी एक समय में इसकी वास्तुकला देखने लायक थी। इस किले में 4 द्वार है। अगर शिलालेखों की माने तो इस किले का निर्माण 1659 में किया गया था।

औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। ‘किला ए अर्क’ औरंगाबाद का एक प्रमुख आकर्षण है। इस किले के निर्माण का आदेश स्वयं औरंगजेब द्वारा सन 1692 में दिया था। ये किला आज खंडहर बन चुका है। मगर फिर भी एक समय में इसकी वास्तुकला देखने लायक थी। इस किले में 4 द्वार है। अगर शिलालेखों की माने तो इस किले का निर्माण 1659 में किया गया था।

औरंगाबाद के किला-ए-अर्क को सांस्कृतिक विशेषज्ञ संरक्षित करने तथा इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं। मुगल शासक औरंगजेब का बनवाया गया यह किला आज खस्ताहाल हो चुका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में किला परिसर में कई नई इमारतें बन चुकी हैं लेकिन पुराना ढांचा बहुत कमजोर पड़ चुका है तथा इसकी मरम्मत की जरूरत है। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने बताया कि जिला प्रशासन भविष्य में इस ढांचे के हिस्से के संरक्षण का काम देखेगा।

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज के औरंगाबाद चैप्टर के समन्वयक अजय कुलकर्णी ने बताया कि किले का निर्माण औरंगजेब ने 1650 में करवाया था। उन्होंने कहा, ‘‘देखरेख के अभाव में किले की हालत खराब होती गई।’’

किला विशेषज्ञ संकेत कुलकर्णी ने बताया कि इमारत परिसर पहले राज्य के पुरातत्व विभाग में एक अधिसूचित स्मारक था लेकिन 1971 में इसे इस सूची से बाहर कर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां निजाम काल में ‘वंदे मातरम अभियान’ चला था लेकिन अब यह बहुत खराब स्थिति में है।’’ उन्होंने बताया कि निजाम काल में इसे महाविद्यालय में बदल दिया गया था।

‘अमेजिंग औरंगाबाद’ संगठन के सदस्य स्वप्निल जोशी ने कहा, ‘‘मरम्मत के बाद यह पर्यटकों के आकर्षण का एक और केंद्र बन सकता है। परिसर में नई इमारतें होने के बावजूद पुराने ढांचे में पर्यटकों का ध्यान खींचने की क्षमता है।’’

राज्य के पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह किला अब एक अधिसूचित स्मारक नहीं है और इसके संरक्षण के लिए किसी भी प्राधिकार को विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

First Published on: January 4, 2021 4:38 PM
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