कोरोना जांच से बचने के लिए असम के सिलचर एयरपोर्ट से भागे 385 यात्री

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सिलचर। अनिवार्य कोरोना जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिलचर हवाई अड्डे पर 385 यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए। अधिकारियों ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त सुमित सत्तवान ने बताया कि छह विमानों से देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 690 यात्री सिलचर हवाई अड्डे पर पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की जांच के लिए हवाई अड्डे पर तथा पास में तिकाल स्थित महात्मा गांधी मॉडल अस्पताल में इन यात्रियों के नमूने लिए जाने थे। अधिकारी ने कहा कि जांच शुल्क के लिए 500 रुपये के भुगतान को लेकर सैकड़ों यात्रियों ने इन दोनों स्थानों पर हंगामा किया।

असम सरकार ने राज्य में हवाई मार्ग से पहुंचने वाले सभी यात्रियों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दी है जिसके तहत रैपिड एंटीजन जांच नि:शुल्क की जाती है और फिर आरटी-पीसीआर जांच की जाती है जिसके लिए 500 रुपये का भुगतान करना होता है। रैपिड एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त पाए जाने वाले यात्रियों को भी आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होता है।

यह उल्लेख करते हुए कि यात्रियों ने नियमों का उल्लंघन किया, अधिकारी ने कहा, हमारे पास उन लोगों का ब्योरा है और हम उनका पता लगाएंगे। हम धारा 188 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करेंगे। बाद में, अतिरिक्त जिला उपायुक्त ने कछार पुलिस अधीक्षक के समक्ष इन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने शिकायत में कहा, आवश्यक कोरोना जांच से बचने के लिए सिलचर हवाई अड्डे से कुल 385 यात्री भाग गए। शिकायत में इन लोगों के नाम और मोबाइल फोन नंबर भी दिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि 690 यात्रियों में से 189 की जांच की गई जिनमें से छह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। कई यात्रियों को जांच से छूट दी गई क्योंकि उनका गंतव्य असम की जगह मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे पड़ोसी राज्यों का था।

सिलचर हवाई अड्डे के निदेशक ने बाद में एक बयान में कहा कि घटना हवाई अड्डे के भीतर नहीं हुई और कोई भी यात्री सुरक्षा जांच से या यात्री टर्मिनल बिल्डिंग से नहीं भागा। उन्होंने कहा कि घटना हवाई अड्डे के बाहर से यात्रियों को बसों से महात्मा गांधी मॉडल अस्पताल, तिकाल ले जाने से जुड़ी है जहां जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर दोनों ही जांच की जा रही हैं।

असम सरकार ने बुधवार रात घोषणा की थी कि बाहर से आ रहे सभी यात्रियों को आवश्यक रूप से सात दिन के गृह पृथक-वास में रहना होगा। राज्य में संक्रमण के अब तक 2,29,138 मामले सामने आ चुके हैं और 1,150 लोगों की मौत हुई है।



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