
गुवाहाटी।सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का बुधवार को असम में एक रिग साइट से पांच सशस्त्र उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया। उग्रवादियों ने सुरक्षा गार्डों को बंद कर दिया और वे कंपनी का एक वाहन लेकर भाग गए जो आपातकालीन-एंव- चिकित्सकीय कामों में इस्तेमाल किया जाता था।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि संभवत: ये उग्रवादी प्रतिबंधित अल्फा (1) समूह के थे। इन उग्रवादियों ने इस वाहन को असम-नगालैंड सीमा के पास निमोनागढ़ जंगल के पास छोड़ दिया। इन कर्मचारियों को असम में शिवसागर जिले के लकवा फील्ड से अगवा किया गया।
कंपनी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ओएनजीसी के तीन कर्मचारी, जिनमें दो कनिष्ठ अभियंता सहायक (उत्पादन) और एक कनिष्ठ तकनीशियन (उत्पादन) शामिल हैं, उन्हें 21 अप्रैल 2021 की तड़के अज्ञात सशस्त्र बदमाशों ने अगवा कर लिया। अपहरण की यह घटना शिवसागर जिले के लकवा फील्ड में ओएनजीसी की एक रिग साइट पर हुई।’’
3 ONGC employees, 2 Junior Engineer Assistants (Production) & a Junior Technician (Production) have been abducted by unknown armed miscreants in the early hours of 21 April 2021. The abduction took place on a rig site of ONGC in Lakwa field of Sivasagar District.
— ONGC (@ONGC_) April 21, 2021
बुधवार को तड़के यह घटना हुईं। पांच सशस्त्र उग्रवादियों ने 1:30 बजे कंपनी के दूरदराज के रिग स्थल पर धावा बोला। पहले उन्होंने दोनों सुरक्षा गार्डों को बंद कर दिया। उसके बाद वे कंपनी के तीन युवा कर्मचारियों को कंपनी के आपातकालीन-सह-चिकित्सा वाहन में अगुवा कर ले गए।
अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने इस बारे में स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और असम में अपने स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई है। कर्मचारियों को छुड़ाने के लिए पुलिस के साथ सहयोग में स्थानीय और केंद्रीय नियंत्रण कक्षों को सक्रिय कर दिया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कर्मचारियों को अगुवा करने के दौरान कोई गोली नहीं चलाई गई। हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह पूरी घटना कैसे हुई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।’’
ओएनजीसी के एक सूत्र ने कहा कि अपहृत कर्मचारियों के बारे में फिलहाल कुछ पता नहीं चल सका है और अपहरणकर्ताओं ने अब तक परिवार या कंपनी से कोई संपर्क नहीं किया है। शिवसागर में कंपनी की परिसंपत्तियों में करीब 2,000 कर्मचारी, अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ तैनात है।
ओएनजीसी 1960 के दशक की शुरुआत से ऊपरी असम में तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन कर रही है। कंपनी के तीनों कर्मचारी स्थानीय असमी लोग थे। इनकी पहचान ए एम गोगोई और रितुल सैकिया (दोनों कनिष्ठ इंजीनियर सहायक (उत्पादन) तथा अलकेश सैकिया (कनिष्ठ तकनीशियन-उत्पादन) के रूप में हुई है।
अधिकारी ने बताया कि तीनों कर्मचारी डिब्रूगढ़ और जोरहाट से थे। अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों और उनके परिवार की सुरक्षा की उच्चस्तरीय समीक्षा की गई है और हम अतिरिक्त उपाय कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इन उपायों की जानकारी नहीं दी। अधिकारी ने कहा कि हम इसके लिए स्थानीय पुलिस की भी मदद ले रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अपहरण की घटना की जांच चल रही है। सोनोवाल ने ट्वीट किया, ‘‘हम ओएनजीसी के कर्मचारियों के अपहरण की कड़ी निंदा करते हैं। मैंने मुख्य सचिव जिश्नू बरुआ ओर डीजीपी असम पुलिस भास्कर ज्योति महंत से कर्मचारियों की रिहाई के लिए हरसंभव कदम उठाने को कहा है।
शिवसागर जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपहरण की इस घटना में उल्फ (1) उग्रवादियों का हाथ हो सकता है। यह उग्रवादी नगालैंड के रास्ते भागे हैं। अधिकारी ने कहा कि यह शुरुआती निष्कर्ष है और अभी इसकी जांच चल रही है। अभी तक कर्मचारियों को रिहा करने के लिए फिरौती की कोई मांग नहीं आई है।