नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में उनके खिलाफ भ्रामक बयानों को लेकर मानहानि का मामला दायर किया। शेखावत ने दावा किया कि गहलोत ने संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि मामले में जांच शुरू की गई थी लेकिन उनके नाम का कहीं उल्लेख नहीं किया गया था।
शेखावत ने गहलोत के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा के नुकसान के लिए उचित वित्तीय मुआवजे की भी मांग की है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग करते हुए कहा कि गहलोत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मानहानि का आरोप लगाया जाना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने शनिवार को अदालत में शेखावत का प्रतिनिधित्व किया। इससे पहले गहलोत और शेखावत के बीच संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई थी, गहलोत ने खुले तौर पर केंद्रीय मंत्री को अपराधी घोषित कर दिया था।
शेखावत पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा था, केंद्रीय मंत्री संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाले के मामले में जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में उसके खिलाफ भी अन्य गिरफ्तार आरोपियों की तरह ही धाराओं में अपराध साबित हुआ है।
शेखावत ने कहा था कि गहलोत ने उन्हें संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में ‘आरोपी’ करार दिया है, जो बदला लेने के लिए उनकी राजनीतिक हत्या के समान है। उन्होंने कहा, एसओजी ने तीन चार्जशीट पेश की, लेकिन न तो मेरा और न ही मेरे परिवार का कहीं नाम है। फिर भी मुख्यमंत्री ने मुझे आरोपी बताया।