बेंगलुरु। कक्षाओं के भीतर हिजाब पहनने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के कारण बंद रहे कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के खुलने से एक दिन पहले राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि प्राधिकारियों को उन धार्मिक संगठनों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, जो समाज को तोड़ने और छात्रों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं।
मंत्री ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘कुछ धार्मिक संगठन समाज को विभाजित करने के लिए छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं।… उनकी पहचान करने और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि सभी नहीं, अपितु कुछेक छात्राएं इस बात पर जोर दे रही हैं कि उन्हें हिजाब पहनकर स्कूल जाने की अनुमति दी जाए।
ज्ञानेंद्र ने दावा किया, ‘‘मेरा मानना है कि यह (हिजाब पहनने की मांग करना) उनकी (छात्राओं की) अपनी सोच नहीं है। हमें कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का सम्मान करना चाहिए और उसी के अनुसार कदम उठाना चाहिए।’’
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद से संबंधित अपने अंतरिम आदेश में छात्रों के हिजाब या भगवा गमछा पहनकर कक्षाओं में बैठने पर रोक लगा दी है। ज्ञानेंद्र ने कहा कि राज्य में शांति एवं कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के मकसद से सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं, ताकि छात्र बिना किसी रुकावट के कक्षाओं में बैठ सकें। उन्होंने छात्रों से डर या असुरक्षा की भावना के बिना शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने का आग्रह किया।