नैनीताल। हालिया तबादले को ‘उत्पीड़न’ बताते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय से संपर्क करने वाले आईपीएस के एक अधिकारी को अदालत ने कहा कि इस प्रशासनिक कदम के खिलाफ पहले वे राज्य के गृह सचिव के सामने अपना प्रतिवेदन पेश करें।
मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एक पीठ ने राज्य के गृह सचिव को निर्देश दिया है कि वह आईपीएस अधिकारी बरींद्रजीत सिंह के तबादले के प्रतिवेदन पर दो महीने के भीतर विचार करें।
पीठ ने तबादले के खिलाफ सिंह की याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया। सिंह ने उच्च न्यायालय से संपर्क करके आरोप लगाया था कि उधम सिंह नगर जिले में एसएसपी के रूप में उनका हालिया तबादला उत्पीड़न का मामला है।
उन्होंने याचिका में उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी और मौजूदा पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।