कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उच्च हिमालयी धाम केदारनाथ की तीन दिवसीय निजी यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को ‘भंडारा’ आयोजित किया और श्रद्धालुओं में प्रसाद बांटा। राहुल गांधी सुबह केदारनाथ मंदिर के पास स्थित आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा के दर्शन के लिए गए और वहां प्रार्थना की। बाद में उन्होंने मंदिर परिसर के पास ‘भंडारे’ का आयोजन किया और वहां श्रद्धालुओं तथा राख में लिपटे हुए साधुओं के बीच भोजन वितरित किया। इस दौरान कुछ साधुओं ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया। युवा श्रद्धालुओं ने कांग्रेस नेता के साथ सेल्फी भी खींची।
राहुल गांधी रविवार को अपनी नितांत निजी एवं आध्यात्मिक यात्रा पर केदारनाथ पहुंचे थे जहां उन्होंने शाम को होने वाली आरती में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने ‘चाय सेवा’ के हिस्से के रूप में श्रद्धालुओं को चाय भी पिलाई। प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार, पूर्व पार्टी अध्यक्ष की इस निजी और आध्यात्मिक यात्रा के दौरान किसी पार्टी नेता को उनसे मिलने की अनुमति नहीं है।
हांलांकि, राहुल की केदारनाथ यात्रा ऐसे समय हो रही है जब पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अपने चरम पर है। पिछले महीने राहुल गांधी अमृतसर में स्वर्ण मंदिर भी गए थे और वहां भी ‘सेवा’ की थी। उन्होंने कैलाश यात्रा भी की है। कांग्रेस नेता की यात्रा के समय को लेकर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।
उत्तराखंड भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा, ‘जिन्होंने कभी रामलीला नहीं देखी, वे श्री राम का तिलक भी कर रहे हैं और बाबा (केदारनाथ) के दरबार में माथा टेकने भी पहुंच रहे हैं ।’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह 100 करोड़ सनातनियों के बढ़ते सामर्थ्य का परिणाम है। जोशी ने गांधी की यात्रा के समय को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें हमेशा चुनावों के समय या कांग्रेस के लिए कठिन परिस्थिति के समय ही मंदिरों की याद क्यों आती है।