उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। इस मामले में कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अब तक की गई कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को पूरे राज्य में पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। रिपोर्ट में जांच की प्रगति, आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु उठाए गए कदम तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए उपायों का विवरण शामिल किए जाने की अपेक्षा की गई है।
इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मृतक छात्र एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बात की और घटना पर दुख जताते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने पिता को इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई के बारे में बताया और कहा कि पांच आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक आरोपी अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। सरकार की ओर से आरोपी पर ईनाम भी घोषित किया गया है। उन्होंने पिता को भरोसा दिलाया कि घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। सरकार पूरी तरह के पीड़ित परिवार के साथ है। पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी।
बता दें कि 9 दिसंबर शाम को जिग्यासा यूनिवर्सिटी में एमबीए फाइनल ईयर के छात्र एंजेल चकमा अपने भाई माइकल चकमा के साथ किराना स्टोर पर गए थे। इसी दौरान नशे में धुत कुछ युवकों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की। छात्र ने विरोध किया तो मामला बढ़ गया और आरोपियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।
इस दौरान एंजेल चकमा के सिर पर गहरी चोट आई और उसके गले व पेट में चाकू से वार किया गया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लंबे इलाज के बाद शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। छात्र की हत्या को लेकर त्रिपुरा में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।
