उत्तराखंड: महीनों से वेतन को तरस रहे शिक्षक, बढ़ी नाराजगी, अब दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखंड का शिक्षा विभाग इन दिनों सवालों के घेरे में है। विभाग में कार्यरत सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी जहां वेतन और वेतनवृद्धि के इंतजार में महीनों से भटक रहे हैं, वहीं विभागीय प्रक्रियाओं की धीमी रफ्तार उनके लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। तीन महीने पहले नियुक्त हुए सीआरपी और बीआरपी से लेकर वर्षों से सेवाएं दे रहे औपबंधिक सहायक अध्यापक तक सभी वर्ग परेशान नजर आ रहे हैं।

आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से इस साल सितंबर में शिक्षा विभाग ने 955 में से 580 पदों पर सीआरपी और बीआरपी की नियुक्तियां की थीं। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी इन कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। विभाग का कहना है कि एमओयू के अनुसार पहले आउटसोर्सिंग कंपनी को वेतन देना है, जिसके बाद कंपनी विभाग से भुगतान की मांग करेगी। निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ। मुकुल सती ने बताया कि कंपनी को वेतन जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने इसे कर्मचारियों के साथ अन्याय बताते हुए अपर शिक्षा सचिव से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

दूसरी ओर, राज्य में वर्ष 2001 से 2003 के बीच नियुक्त 802 शिक्षा मित्रों को वर्ष 2015 में औपबंधिक सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित किया गया था। इन शिक्षकों को टीईटी पास करने पर औपबंधन हटाने और वेतनवृद्धि का आश्वासन दिया गया था। हालांकि 69 शिक्षकों ने टीईटी किए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, फिर भी उनका औपबंधन नहीं हटाया गया है, जिससे उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

उत्तराखंड समायोजित प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित द्विवेदी के अनुसार, इन शिक्षकों की नियुक्ति के समय आरटीई एक्ट लागू नहीं था और एमएचआरडी व एनसीटीई ने स्पष्ट किया था कि इनके लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है। इसके बावजूद टीईटी करने के बाद भी कुछ शिक्षकों को लाभ से वंचित रखा गया है।

वहीं निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल का कहना है कि टीईटी कर चुके शिक्षकों को भर्ती में वरीयता दी जा रही है और मेरिट में स्थान मिलने के बाद ही औपबंधन हटाया जाएगा।

कुल मिलाकर शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते शिक्षक-कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है। वेतन और वेतनवृद्धि जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे शिक्षकों का कहना है कि शासन-प्रशासन जल्द समाधान नहीं करता तो आंदोलन की स्थिति भी बन सकती है।

First Published on: November 24, 2025 11:01 AM
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