मुंबई का दादर इलाका ट्रैफिक लाइट पर महिला आकृति लगाने वाला भारत का पहला शहर बना


बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मुंबई के दादर इलाके में एक ट्रैफिक सिग्नल पर पुरुष की जगह महिला की आकृति लगाई है। इसी के साथ मुंबई अब अपनी ट्रैफिक लाइट पर महिला आंकड़े पेश करने वाला भारत का पहला शहर बन गया है।


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बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मुंबई के दादर इलाके में एक ट्रैफिक सिग्नल पर पुरुष की जगह महिला की आकृति लगाई है। इसी के साथ मुंबई अब अपनी ट्रैफिक लाइट पर महिला आंकड़े पेश करने वाला भारत का पहला शहर बन गया है। गौरतलब है कि इस सड़क पर सिद्धिविनायक मंदिर, माहिम दरगाह, माहिम चर्च, बीआर अंबेडकर की स्मारक चैत्यभूमि और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थल है।

इस बात की जानकारी बीएमसी ने साझा करते समय कहा कि सड़कों को अधिक पैदल यात्री-अनुकूल बनाने के लिए एक व्यापक योजना के तहत 100 से अधिक पैदल यात्री क्रॉसिंग पर हरे और लाल नर (पुरूष) छड़ी के आंकड़े की अदला-बदली कर रहा है। इस परिवर्तन करने की अनुमति को शहर की यातायात पुलिस ने बीएमसी को दी थी। खबरों के मुताबिक, मुंबई के नागरिक निकाय ने कैडल रोड पर 13 जंक्शनों पर सड़क के संकेतों और पैदल यात्रियों के संकेतों को बदल दिया है, मुंबई के दादर और माहिम में 4.5-किमी रोड पर कार्य जारी है।

सिग्नल में बदलाव की तस्वीरें महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने साझा कीं, जिन्होंने ट्वीट किया, “अगर आप दादर से गुजर चुके हैं, तो आपको कुछ ऐसा दिखाई देगा, जो आपको गर्व महसूस कराएगा। बीएमसी एक सरल विचार के साथ लैंगिक समानता सुनिश्चित कर रहा है- संकेत अब महिलाओं के पास भी हैं ”।

इस बावत समानता के प्रचारकों (Equality campaigners) ने कहा कि परिवर्तन छोटा दिखाई दे सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण था। कई भारतीय शहरों में, महिलाएं सड़कों पर लोगों का केवल एक छोटा सा हिस्सा बनाती हैं। इस विषय पर सामाजिक वैज्ञानिक शिल्पा फड़के ने कहा, “अगर छोटी लड़कियों की एक पीढ़ी ट्रैफिक सिग्नलों पर महिलाओं के आंकड़े देखती है, तो यह एक छोटा लेकिन शक्तिशाली संकेत भेजती है।” फडके ने आगे यह भी कहा,” जनता में इस तरह के प्रतीकों की मौजूदगी इस विचार को उजागर कर सकती है कि सड़क पर कल्पना करने वाला व्यक्ति पुरुष है यह लंबे समय में प्रतीकात्मक रूप से मूल्यवान है।

आपको बता दें कि यह पहल बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) की ‘कल्चर स्पाइन परियोजना’ के तहत की गई है, जो शिवसेना के आदित्य ठाकरे की एक मुख्य परियोजना में शामिल है। इसके साथ-साथ अगर बात वैश्विक परिप्रेक्ष्य की जाय तो इस प्रकार की योजना जर्मनी और नीदरलैंड के कई शहरों और स्विटजरलैंड के जिनेवा में पहले से ही ट्रैफिक लाइटों पर महिला साइन हैं। हाल में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में प्राधिकरण 2017 के बाद से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिला आंकड़ों का इस प्रकार का उपयोग कर रहे हैं।
(साभार – नागरिक न्यूज़)