कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के स्वरुप नगर में रंजीत बालिका राजकीय महिला शरणालय में दो कर्मचारियों समेत 57 लड़किया कोरोना पॉजिटीव पायी गई हैं। इन में पोक्सो (Protection of Children from Sexual Offences Act – POCSO) मामले में पीड़ित सात लड़कियां प्रेगनेंट भी हैं जिसमें पांच लड़कियां कोरोना संक्रमित हैं। इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश के राजनीति में एक बार फिर हड़कंप मच गया है और प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं।
एक सप्ताह पहले ही संवासिनी गृह की एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उसके बाद 18 जून को एक साथ 33 महिलाओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।अधिकारियों के अनुसार 19 जून को 16 और संवासिनियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 20 जून की रात जांच रिपोर्ट में 8 और कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इस बालिका राजकीय महिला शरणालय में 12 वर्ष से लेकर 34 साल तक की महिलाएं रहती हैं।
खबरों के अनुसार कोरोना संक्रमित 2 गर्भवती संवासिनियां जिनकी उम्र मात्र 17 साल है। इनको डफरिन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। कानपुर जिला प्रशासन की ओर से एक बयान भी सामने आया है। प्रशासन का कहना है कि जो 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गई हैं, उनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव हैं। बाकी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। सातों बालिकाएं संवासिनी गृह में प्रवेश होने के समय से ही गर्भवती थीं
अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण कैसे संवासिनी गृह में फैला, इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है। जिन लोगों की ट्रेसिंग हो गई है, उन्हें क्वारनटीन कर दिया गया है।
इस मामले में कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी ने यूपी सरकार को घेरा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ” कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक हैरानी करने वाला तथ्य सामने आया। 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं। “
इस मामले पर कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि कानपुर नगर बालिका संरक्षण गृह में विगत सप्ताह कराए गए कोविड-19 की जांच में 57 लड़किया कोरोना पॉजिटीव पाई गई हैं। इनमें से पांच ऐसी बालिकाएं पाई गई हैं जो गर्भवती हैं। ये बालिकाएं पॉक्सो एक्ट के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सीडब्ल्यूसी के द्वारा उनके आदेश पर संवासिनी गृह में संदर्भित की गईं थीं। ये क्रमशः आगरा, कन्नौज, फिरोजाबाद, एटा और कानपुर नगर के बाल कल्याण समित द्वारा सदर्भित मामले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कानपुर संवासिनी गृह में कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से दो गर्भवती लड़कियों की खबर के बारे में यह स्पष्ट करना है कि ये पॉक्सो एक्ट के तहत CWC आगरा तथा कन्नौज के आदेश से दिसम्बर 2019 में यहॉं संवासित की गयी थीं और तत्समय किए गए मेडिकल परीक्षण के अनुसार ये पहले से गर्भवती थीं।
डीएम ने ट्वीट किया कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है। पदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचे बिना पोस्ट ना करें. ज़िला प्रशासन इस संबंध में आव़श्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि कानपुर उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित जिला है। कानपुर में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या 386 है। पहले नंबर पर नोएडा बना हुआ है। नोएडा में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 690 है। गाजियाबाद में कोरोना के 354 केस है, वहीं 329 लोग लखनऊ में कोरोना संक्रमित हैं। मेरठ में भी 242 लोग कोरोना संक्रमित हैं।
कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है।आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जाँचें बिना पोस्ट ना करें। ज़िला प्रशासन इस संबंध में आव़श्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।
— DM Kanpur Nagar (@DMKanpur) June 21, 2020