सेना प्रमुख हालात का जायजा लेने जाएंगे लद्दाख

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवार और बुधवार को लद्दाख का दौरा करेंगे और चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर वहां तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे।उन्होंने बताया कि सैन्य प्रमुख अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और वहां तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे।

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवार और बुधवार को लद्दाख का दौरा करेंगे और चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर वहां तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि सैन्य प्रमुख अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और वहां तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। 

जनरल नरवणे का यह दौरा गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने और सीमा पर तनाव बढ़ने के एक हफ्ते बाद हो रहा है। बता दें कि लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ सड़क के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की थी और सीमा से जुड़े हालातों के बारे में जानकारी लिया और सभी जरूरी तैयारियों के लिए निर्देश दिया था। इस घटना के बाद भारत चीन की हर हरकत पर करीब से नजर रखे हुए हैं और जवाब देने के लिए तैयार है।

बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दे दी गई है और भारतीय बलों को पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।
बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ लगती सीमा की रक्षा के लिए भारत अब से अलग सामरिक तरीके अपनाएगा। उन्होंने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए।

इस झड़प के बाद सतर्कता बरतते हुए भारत ने चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार से हाई अलर्ट कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया।
उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है। 

सेना के एक शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि आपसी संपर्क के नियम अब से अलग होंगे। प्रधानमंत्री ने इसके बारे में व्यापक नीति का उल्लेख किया है। उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में 15 और 16 जून को भारतीय और चीनी  सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय और करीब 40 चीनी सैनिकों की जान जाने की खबरें हैं। 

First Published on: June 23, 2020 8:49 AM
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