क्रिप्टोकरेंसी उभरते बाजारों के लिए एक चुनौती, विनियमन की जरूरत: गीता गोपीनाथ

गोपीनाथ ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक वैश्विक नीति और समन्वित कार्रवाई का भी सुझाव दिया।

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने पर जोर देते हुए कहा कि उन पर प्रतिबंध लगाना हमेशा चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि वे विदेशी बाजारों से संचालित होते हैं।

गोपीनाथ ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक वैश्विक नीति और समन्वित कार्रवाई का भी सुझाव दिया।

उन्होंने बुधवार को आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उभरते बाजारों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खासतौर से एक चुनौती है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में क्रिप्टोकरेंसी और परिसंपत्तियों को अपनाना अधिक आकर्षक लगता है।’’

भारत अनियमित क्रिप्टोकरेंसी से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए संसद में एक विधेयक लाने पर विचार कर रहा है। इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी पर कोई विशेष नियम या कोई प्रतिबंध नहीं है।

गोपीनाथ, जो अगले साल की शुरुआत में आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक बनने वाली हैं, ने कहा कि विनियमन के लिए दुनिया भर के देश अलग-अलग कोशिश कर रहे हैं, हालांकि प्रतिबंध लगाने को लेकर स्पष्ट रूप से चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि कोई भी देश सीमा-पार जटिल लेनदेन को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी की समस्या को अपने दम पर हल नहीं कर सकता है और इसके लिए तत्काल एक वैश्विक नीति की आवश्यकता है।

भारत की राजकोषीय और मौद्रिक नीति पर एक सवाल के जवाब में गोपीनाथ ने कहा कि भारत की मुख्य मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से थोड़ा ऊपर है, और ऐसे में नीति निर्माण को लेकर कुछ मुद्दे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की राजकोषीय नीति को कुछ और तिमाहियों तक उदार रुख पर कायम रहना चाहिए, और उसके बाद धीरे-धीरे वापस लिया जाना चाहिए।’’

First Published on: December 16, 2021 10:25 PM
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