पहली बार गर्लफ्रेंड का इंतजार करते वक्त बजाई थी बांसुरी: रेमो फर्नांडिस

नई दिल्ली। रेमो फर्नांडिस वैसे तो कई वाद्ययंत्र बजाते हैं लेकिन गायक-संगीतकार ने बताया कि उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में पहली बार बांसुरी बजाने की कोशिश तब की थी जब वह एक बार निर्धारित समय से बहुत पहले अपनी प्रेमिका के छात्रावास उससे मिलने पहुंच गए थे।

रेमो ट्रैफिक, ब्लड स्वैट एंड टीयर्स और जेथ्रो टुल के साथ इयान एंडरसन के रिकॉर्ड सुन, बांसुरी की आवाज से प्यार करने लगे थे।

अपनी जल्द ही प्रकाशित होने वाली जीवनी “रेमो” में वह इस वाद्ययंत्र के साथ अपनी जुगलबंदी को याद करते हैं, “और पन्नालाल घोष द्वारा हमारे भारतीय शास्त्रीय बांसुरी वादन के बाद, मैंने खुद कभी इस वाद्ययंत्र को बजाने की नहीं सोची, लेकिन…आनंद के लिये इसे बजाने की कोशिश क्यों न की जाए? मैंने बांसुरी के लिये एक रुपये का भुगतान किया और समय बिताने के लिये समंदर के सामने बैठकर इस पर हाथ आजमाने का फैसला किया।”

उनकी प्रेमिका मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में सरकारी कन्या छात्रावास में रहती थी जो ठीक तारापोरवाला एक्वेरियम के बगल में था। उनके छात्रावास में आगंतुकों के लिये मिलने-जुलने का समय सख्त रूप से निर्धारित था और एक बार वह समय से पहले वहां पहुंच गए तो उनसे एक घंटे बाद आने के लिये कहा गया। ऐसे में उन्होंने पास के चौपाटी समुद्रतट पर समय बिताने का फैसला किया।

हार्पर कोलिंस इंडिया द्वारा प्रकाशित की जा रही अपनी आत्मकथा में रेमो लिखते हैं, “समुद्र तट के प्रवेश द्वार पर गुब्बारों, बच्चों के खिलौने आदि बेचने वालों के बीच, मैंने एक बांसुरी विक्रेता को देखा।”

आधे घंटे बाद जब वह वापस छात्रावास लौट रहे थे तो वह विक्रेता के पास रुक गए और उसे बताया कि बांसुरी से सही सुर नहीं निकल रहे और बेहतर बांसुरी देने के लिए कहा।

रेमो याद करते हैं, “उसने मुझे उत्सुकता से देखा और कहा, ‘वाह वाह, अभी तो तुम उसमें से एक आवाज़ भी नहीं निकाल सकते थे।’ उसने मुझे बच्चों के लिए खिलौना बांसुरी में से एक दे दी थी। लेकिन अब उसने जमीन पर रखे एक बैग में रखी एक बांसुरी निकाली और बिना कोई अतिरिक्त शुल्क लिए मुझे दे दी ।” और यहीं से बांसुरी के साथ उनका आजीवन प्रेम प्रसंग शुरू हुआ।

First Published on: October 26, 2021 8:44 PM
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