
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की दशा में, यदि उसके पास आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड नहीं है, तो उसे तात्कालिक मदद के तौर पर 02 हजार रुपए दिए जाएं। ऐसे निराश्रितों के समुचित उपचार की व्यवस्था भी की जाए।
उन्होंने कहा कि किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए 05 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाए। उक्त निर्देश उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश में जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हों उसे खाद्यान्न के लिए 01 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। ऐसे लोगों के राशन कार्ड भी बनाए जाएं, जिससे उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न मिलता रहे। उन्होंने कहा है कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र में कामगारों व श्रमिकों के लिए भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था प्रभावी रूप से संचालित होती रहे। प्रदेश से अन्य राज्यों को जाने वाले कामगार मजदूरों के लिए भी भोजन-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने को उन्होंने निर्देश दिया है।
वहीं अन्य राज्यों से प्रदेश में वापस आ रहे श्रमिकों के बारे में आज फिर दोहराया कि सबसे पहले उन्हें एकांतवास केंद्र में ले जाया जाए। वहां मेडिकल स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए गृह एकांतवास के लिए घर भेजा जाए तथा अस्वस्थ लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। गृह एकांतवास के दौरान श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे कोविड अस्पतालों का नियमित तौर पर निरीक्षण करते रहें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति हर हाल में एकांतवास केंद्र अथवा कोविड अस्पताल में ही रहे।
उन्होंने टेस्टिंग क्षमता में सतत् वृद्धि का कार्य भी जारी रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जून से खाद्यान्न वितरण अभियान का अगला चरण प्रारम्भ हो रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी व्यवस्थाएं समय से पूरी कर लेने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि खाद्यान्न वितरण में घटतौली अथवा किसी अन्य प्रकार की अव्यवस्था कदापि न होने पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकाशीय बिजली की घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए। खराब मौसम का पूर्वानुमान होने पर समय से एलर्ट जारी करने से जनहानि को रोका जा सकता है। उन्होंने टिड्डी दल के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक रसायनों के नियमित छिड़काव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम से पूर्व तालाबों से मिट्टी की खुदाई का कार्य कराया जाए। इस कार्य में मनरेगा श्रमिकों का उपयोग किया जाए। साथ ही, तालाबों से निकली मिट्टी, माटी कला बोर्ड से समन्वय करते हुए, कुम्हारों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाए। इससे जहां एक ओर तालाबों की जल संचयन क्षमता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर मनरेगा श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही, कुम्हारों को निःशुल्क मिट्टी मिलने से उन्हें अपने उत्पाद की लागत कम करने का मौका प्राप्त होगा। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान में रोपित होने वाले पौधों के लिए गड्ढे खोदने का कार्य अभी से मनरेगा श्रमिकों से कराने के निर्देश भी दिए।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।