कांग्रेस नेता ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की


केंद्र ने दो दिन पुराने अपने आदेश में संशोधन किया है और जम्मू कश्मीर में
सभी सरकारी नौकरियां इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया
है। ऐस लोग राज्य के निवासी समझे जायेंगे जिन्होंने कम से कम 15 साल इस केंद्रशासित प्रदेश में गुजारे हैं।


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जम्मू कश्मीर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस केंद्रशासित प्रदेश में सभी सरकारी नौकरियां स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित करने के लिए जम्मू कश्मीर भर्ती नियमावली में संशोधन किये जाने का शनिवार को स्वागत किया। जम्मू कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जी एम सरूरी ने हालांकि सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की स्थानीय निवासियों की मांग को भी पूरा करने की अपील की।

केंद्र ने दो दिन पुराने अपने आदेश में संशोधन किया है और जम्मू कश्मीर में सभी सरकारी नौकरियां इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया है। ऐस लोग राज्य के निवासी समझे जायेंगे जिन्होंने कम से कम 15 साल इस केंद्रशासित प्रदेश में गुजारे हैं।

बुधवार को स्थानीय निवासियों के लिए नियम तय करते हुए सरकार ने समूह चार तक की नौकरियां ही उनके लिए आरक्षित की थी। समूह चार पुलिस में कांस्टेबल और सरकारी दफ्तरों में मल्टीटास्किंग कर्मचारी आते हैं।

स्थानीय राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद शुक्रवार रात को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (राज्य के कानूनों को अंगीकार) आदेश 2020 की संशोधित गजट अधिसूचना जारी की गयी और इस केंद्रशासित प्रदेश की नौकरियां स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित कर दी गयीं।

केंद्र द्वारा इस पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा वापस लिये जाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के बाद यह केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आया था। सरूरी ने संशोधन का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘जाति, रंग, पंथ और क्षेत्र से ऊपर उठकर हरेक की आपत्ति ने भाजपा सरकार को 24 घंटे के अंदर ही आदेश को संशेाधित करने के लिए बाध्य कर दी।

इसके अलावा सरूरी ने पूर्ववर्ती राजय के लोगों के भू-अधिकार की संवैधानिक गारंटी की मांग की। पूर्व मंत्री ने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की स्थानीय निवासियों की मांग भी पूरा करने की अपील की।