कोरोना वायरस से लड़ने के लिए विश्व बैंक ने दी भारत को एक अरब डॉलर की मंजूरी


निदेशक मंडल द्वारा कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए विकासशील देशों को
पहले चरण की सहायता को मंजूरी देने के बाद विश्व बैंक ने कहा, “भारत में एक अरब डॉलर के आपातकालीन वित्तपोषण से
बेहतर ढ़ग से जांच, निजी सुरक्षा उपकरणों की खरीदारी और नई पृथक इकाइयों
की स्थापना में मदद मिलेगी।”


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विश्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत के लिए एक अरब डॉलर के आपातकालीन कोष को मंजूरी दी है। इस महामारी से देश में 76 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 2,500 लोग संक्रमित हैं। विश्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसने सहायता परियोजनाओं के पहले चरण के रूप में 1.9 अरब अमरीकी डालर का प्रावधान किया है, जिससे 25 देशों की मदद की जाएगी, और त्वरित प्रक्रिया के जरिए 40 देशों में नए अभियान शुरू किए जाएंगे। इस आपातकालीन वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा (एक अरब डॉलर) भारत को मिला है।

निदेशक मंडल द्वारा कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए विकासशील देशों को पहले चरण की सहायता को मंजूरी देने के बाद विश्व बैंक ने कहा, “भारत में एक अरब डॉलर के आपातकालीन वित्तपोषण से बेहतर ढ़ग से जांच, निजी सुरक्षा उपकरणों की खरीदारी और नई पृथक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।”

विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया में पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डालर, मालदीव के लिए 73 लाख डॉलर और श्रीलंका के लिए 12.86 करोड़ डालर की मंजूरी दी।

एडीबी ने भारत की आर्थिक विकास दर घटकर चार फीसदी रहने का लगाया अनुमान

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण दुनियाभर में पैदा हुए स्वास्थ्य आपात के बीच, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर चार फीसदी रह सकती है। बाजार में पिछले साल आई सुस्ती के बाद से ही भारत की विकास दर धीमी होती रही है। वित्त वर्ष 2019 में यह 6.1 प्रतिशत से गिरकर पांच प्रतिशत रह गई थी।

एडीबी के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा, ‘‘कई बार काफी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं।’’

बैंक ने अपने ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ (एडीओ) 2020 में कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 6.2 प्रतिशत तक मजबूत होने से पहले वित्त वर्ष 2021 में घटकर चार फीसदी रह सकती है।