मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राज्यों से कहा कि प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से कोविड-19 की चुनौती को अवसर में बदलें और जमीनी हकीकत के आधार पर लॉकडाउन में ढील देने के लिए वे अपनी नीतियां बनाएं। यह जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने बयान में कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में मोदी ने संकेत दिए कि कोरोना वायरस का संक्रमण तीन मई के बाद भी ज्यादा समय तक रह सकता है और लोगों को मास्क का प्रयोग और सैनिटाइजर्स ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘हालांकि विस्तारित लॉकडाउन समय तीन मई को खत्म होगा, इसलिए हर राज्य को अपने वर्तमान कड़े दिशानिर्देशों में छूट शुरू करने की नीति पर निर्णय करना होगा। इसमें यातायात को अनुमति देने, बुजुर्गों को घर से बाहर आना है अथवा नहीं, दुकानों को कैसे खुलने की अनुमति देना है, आदि शामिल हैं।’’
प्रधानमंत्री ने राज्यों को सलाह दी कि अपने प्रशासन और नीतियों में सुधार लाकर वे वर्तमान चुनौतियों को अवसर में बदलने की संभावनाएं तलाशें।उन्होंने राज्यों से कहा, ‘‘यह अपराध नहीं है कि कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। बढ़ती संख्या के दबाव में नहीं आएं क्योंकि पूरा देश कोरोना वायरस की चुनौती का सामना कर रहा है।’’
भारत में लॉकडाउन का अंतिम सप्ताह चल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि देश को कोरोना वायरस से लड़ने के साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को भी महत्व देना होगा। केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में मोदी ने कोरोना वायरस से अत्यधिक संक्रमित क्षेत्रों में दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के महत्व पर जोर दिया। 22 मई के बाद उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता की है।इसने कहा कि प्रधानमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के ‘‘सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं क्योंकि पिछले डेढ़ महीने में देश में हजारों जिंदगियां बचाई गई हैं।’’