
दिल्ली देश की राजधानी और प्रमुख महानगर है। लेकिन इस महानगर में आज भी कई गांव न केवल अपना वजूद बचाए हुए हैं बल्कि शहरी सभ्यता को समृद्ध भी कर रहे हैं। आज हम ऐसे ही एक गांव शाहपुर जट के बारे में बता रहे हैं, जो हौज खास मेट्रो स्टेशन के पास स्थित है। अतीत में यह गांव तंबाकू और गोभी की खेती के लिए जाना जाता था, आज वह दिल्ली में फैशन स्ट्रीट के नाम से जाना जाता है।
शाहपुर जट गांव का दादा जंगी हाउस लेन कहने को तो गांव की एक गली है। लेकिन यहां दिल्ली के फैशनेबल लड़के-लड़कियों और महिलाओं की भीड़ बयां करती है कि यह कितना खास है। मुंबई और दिल्ली में क्या फैशन ट्रेंड कर रहा है इसका अंदाजा यहां घूमते हुए अपने-आप ही लग जाता है। इसके लिए किसी बड़े डिजाइनर के शो और फैशन वीक समारोह में जाने की जरूरत नहीं है। ट्रेंड के साथ चलने वाले युवक और युवतियों के लिए शाहपुर जट गांव में आना ही काफी होता है। उन्हें यहां हर तरह के डिजाइनर कपड़े वाजिब दाम में मिल जाते हैं। शादियों के सीजन में तो इस गली की रौनक और बढ़ जाती है। एक से बढ़ कर एक लहंगे, साडि़यां, गाउन, शेरवानी, कुरते और भी तरह-तरह के कपड़े खरीदने के लिए यहां के बुटिकों में भीड़ लगी रहती है।
दक्षिणी दिल्ली का शाहपुर जट गांव फैशन एवं डिजाइनिंग की दुनिया का जाना पहचाना नाम है। यह डिजाइनर एवं ट्रेंडी कपड़ों के लिए पूरे एशिया में जाना जाता है। हालांकि दिल्ली में पहले यह रुतबा हौज खास गांव को हासिल था। लेकिन कुछ ही दिनों में शाहपुर जट गांव ने हौज खास को पीछे छोड़ दिया है। इसकी खासियत यह भी है कि यह हौज खास मेट्रो स्टेशन से सटा है इसलिए लोगों को यहां आने-जाने में काफी सुविधा होती है। यहां की तंग गलियों और पारंपरिक हवेलियों के बीच लगभग 200 सौ ट्रेंडी फैशन बुटीक हैं। यह धीरे-धीरे डिजाइनर कपड़ों,जूतों, बैग और सौंदर्य प्रसाधनों का हब बनता जा रहा है। फैशन जगत के बड़े डिजायनरों मसलन रितु कुमार, रितु बेरी, गौरव गुप्ता और मानव गंगवानी के शोरूम जहां वसंत कुंज, छतरपुर, डीएलएफ इंपोरियो और डिफेंस कॉलोनी में है, वहीं दूसरी पंक्ति के फैशन डिजाइनरों के बुटीक एवं शोरूम शाहपुर जट में है।
पश्चिम बंगाल से आए रंगरेज और प्रवासी कारीगरों के परंपरागत हुनर का इस्तेमाल भी यहां होता है। वे लोग डिजाइनर कपड़ों में जरी और मोती का काम करते है। वहीं पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (नीफ्ट), पर्ल, जेडी और निफ्ड जैसे संस्थानों से प्रतिवर्ष फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई कर निकलने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने हुनर को तराशते हैं। शाहपुर जट में हौजखास की अपेक्षा सस्ते में शोरूम मिलने आसान थे, जिसके कारण धीरे-धीरे यह गांव डिजाइनर शो रूमों का हब बन गया। फैशन डिजाइन संस्थानों से निकले छात्रों को यहां कम दाम में शोरूम मिल जाता है इसलिए वे इस गांव में अपना बुटीक खोलने को प्राथमिकता देते हैं। शाहपुर जट गांव की दादा जंगी हाउस लेन में करीब 30 बुटीक हैं।
जंगी लेन में ईशा पिछले दो सालों से अपना बुटिक चला रही हैं। ईशा कहती हैं कि, ‘शाहपुर जट गांव डिजाइनर कपड़ों के लिए दिल्ली और इसके बाहर मशहूर हो चुका है। इसलिए हर कोई यहां अपना शोरूम खोलना चाहता है।’ फैशन और मार्केट के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि, ‘हर डिजाइनर की अपनी एक अलग पहचान होती है। वो उसी हिसाब से अपने डिजाइन तय करता है। मुझे हैवी सूट और गाढ़ा रंग नहीं पसंद है। इसलिए मैं अपने डिजाइन में भी हल्के रंगों का इस्तेमाल अधिक करती हूं।’ ईशा जैसी डिजाइनर आज के फैशन ट्रेंड को अच्छी तरह समझती हैं। बातचीत में वह आगे कहती हैं कि, कोई भी फैशन स्थायी नहीं रहता है। यह बदलता रहता है। फिर भी कुछ चीजें ऐसी हैं जो फैशन जगत में हमेशा रहते हैं। जैसे कि कपड़ों पर मिरर वर्क, मोती का काम, कढ़ाई और गोटे का काम बहुत पुराना है। ये बार-बार फैशन जगत में आते-जाते रहते हैं। कपड़ों पर कढ़ाई का काम तो सदियों पुराना है फिर भी यह पसंद किया जा रहा है। इस समय महिलाओं के फैशन में अनारकली सूट, गाउन, ड्रेप और स्टीच्ड साड़ी का फैशन खासा लोकप्रिय है। बहुत सी युवतियां तो किसी सेलिब्रेटी द्वारा पार्टी में पहने गए या फिर फिल्मों में नायिकाओं द्वारा पहने गए कपड़े के डिजाइन की नकल करती हैं। इसके लिए वे इन बुटिकों में आती है और अपने पसंद के अनुसार रंग और डिजाइन में कपड़े तैयार करवाती हैं।
शाहपुर जट गांव का यह बाजार वेस्टर्न और ट्रेंडी कपड़ों के लिए बेहतरीन माना जाता है। जो भी नया फैशन आए इस बाजार में सबसे पहले देखने को मिलेगा। कपड़े हों या बैग्स एवं एक्सेसरीज हर तरह के उत्पाद इस बाजार में उपलब्ध हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय अपने फैशन के लिए जाना जाता है। यहां के अधिकतर छात्र-छात्राएं इस बाजार में जाना खूब पसंद करते हैं। युवा फैशन और ट्रेंड के हिसाब से उन्हें एक ही बाजार में सब कुछ मिल जाता है वो भी अपने बजट में।
शादी और लग्जरी के लिए फैशनेबल कपड़ों की खोज में मध्यम वर्ग से लेकर उच्चवर्ग तक के लोग शाहपुर जट गांव जाना पसंद करते हैं। मौसम बदलने में देर होती है लेकिन यहां उनके हिसाब से कपड़े आने में देर नहीं होती। सर्दियों के मौसम में आज के युवा फैशन के अनुसार अलग-अलग चीजों को अपनाना चाहते हैं। वे कंफर्ट के साथ फैशन ट्रेंड्स को भी फॉलो करते हैं। इसलिए वे खुद भी नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। मिक्स एंड मैच मंत्र का युवाओं में लोकप्रिय होने का एक कारण यह भी है।
फैशन डिजायनर सुनील कहते हैं, सर्दियों में लड़कें दो तरह के फैशन को तरजीह देते हैं। पहला, ‘कूल विंटेज’ और दूसरा ‘रॉयल हैरिटेज’। कूल विंटेज में लड़कों के लिए इंटरनेशनल लुक देने वाले ब्रांड्स शामिल होते हैं। इनमें बड़े कॉलर वाली शर्ट, नेहरू कट वाली जैकेट, चाइनीज कॉलर, वेलवेट जैकेट जैसे कपड़े शामिल हैं। लड़कों के लिए ही रॉयल हैरिटेज में जोधपुरी पैंट, बंद गले के शॉर्ट जैकेट, प्वाइंटेड बैली शूज आदि ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं। इसके अलावा रॉयल हैरिटेज के फ्यूजन को भी युवा रोजमर्रा की जिंदगी में अपना रहे हैं। जीन्स के साथ कुरते पहनना भी उन्हें पसंद आ रहा है। रंगों की बात करें तो लड़कों को सफेद, क्रीम, ऑरेंज, ब्राउन, पर्पल, ब्ल्यू, रॉयल ब्ल्यू, बरगंडी रेड, चॉकलेट ब्राउन, काला, डार्क पर्पल और ग्रीन के शेड्स पसंद आ रहे हैं।
कई डिजाइनरों से बात करने पर पता चला कि इस सीजन में लड़के ट्रेंड्स डेनिम स्टफ ड्रेस सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। वे कहते हैं कि इस बार के हॉट कलर्स में ब्ल्यू, ब्लैक, रेड, मैरून, रॉयल ब्लू, डर्टी ग्रीन, लीफ ग्रीन आदि अधिक पसंद किए गए।
लड़कियों की फैशन की दुनिया भी इस सीजन में कई नये ट्रेंड्स देखने को मिल रहे हैं। अगर पार्टियों और समारोहों की बात करें तो लड़कियां शेरवानी के साथ लॉन्ग स्कर्ट या फिर स्ट्रेट ट्राउजर्स पहनना पसंद कर रही हैं। इसके अलावे सिल्क की साडि़यां, जामवार और ब्रोकेड एक बार फिर से फैशन में लौट आया हैं। फ्यूजन के साथ ईवनिंग गाउन, ब्रोकेड और सिल्क की जैकेट मिक्स एंड मैच फैब्रिक के साथ काफी चलन में है। लॉन्ग लेंथ अनारकली, मिक्स एंड मैच श्रग्स, डिजिटल प्रिंट, शॉर्ट और एंकल लेंथ स्कर्ट, लॉन्ग जैकेट, सिमिट्रिकल डिजाइन, पैनल जैकेट, ब्लॉक पिंरट्स ट्रेंड में हैं। डेनिम लुक शर्ट्स और ट्राउजर्स भी लड़कियां ऑफिस और कॉलेज के लिए पसंद कर रही हैं।
फैशन डिजायनर नेहा मेहता कहती हैं कि, ‘हर किसी की पसंद अलग-अलग होती है। पंजाबी तड़क -भड़क और गाढ़े रंग को पसंद करते हैं तो कुछ युवाओं को शटल पसंद आती है।’ वह कहती हैं कि, रोहित बल, रितु कमार, रितु बेरी, विक्रम फड़नवीस, सव्यसांची, गौरव गुप्ता और मानव गंगवानी के डिजायन किए हुए कपड़े आम मध्मवर्गीय परिवार नहीं पहन सकते। ऐसे में मध्यवर्गीय परिवारों के लिए शाहपुर जट सस्ता मार्केट है। कम लागत में उनकी पसंद मिल जाती है। उनको किसी पार्टी में जाना हो या किसी डिजायनर के कपड़े पसंद आए तो वे लोग यहां पर आते हैं। ऐसे में हमें कभी-कभी दूसरे डिजायनरों की नकल करके भी बनाना पड़ता है। वह कहती हैं कि मैं अपनी डिजाइन से पहचान बनाना चाहती हूं। और चाहती हूं कि फैशन जगत में मेरा और मेरी डिजाइन को लोकप्रियता मिले। फैशन और फिल्मी जगत में मशहूर रितु बेरी ने भी अपने करियर की शुरुआत शाहपुर जट गांव से किया था।
बेरी ने अपना पहला पहला बुटिक यहीं खोला था। इसके बाद इस गांव को फैशन हब के रूप में ही पहचान मिलने लगी। मशहूर डिजाइनर गौरव गुप्ता साड़ी और गाउन के लिए पहचाने जाते है। रितु कुमार पारंपरिक परिधानों और अर्पिता मेहता मिरर वर्क के लिए जानी जाती हैं। नए और युवा फैशन डिजायनरों के साथ-साथ शाहपुर जट आम लोगों की भी पसंद बन गया है।