संविधान का पालन होता तो प्रवासी श्रमिकों को बुरे दिन नहीं देखने पड़ते : मायावती

बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट किया कि जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद 'अश्वेतों की जिन्दगी की भी कीमत है' को लेकर अमेरिका में हर जगह व विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है व इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लायड की हत्या के बाद बिगड़े हालातों को लेकर आम आदमी के जीवन की चिन्ता जाहिर की है। उन्होंने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए सरकारों पर तंज कसा है कि अगर इसका सही तरीके से पालन होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की आज दुर्दशा नहीं होती।
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बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को ट्वीट किया कि जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद ‘अश्वेतों की जिन्दगी की भी कीमत है’ को लेकर अमेरिका में हर जगह व विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है व इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। 

मायावती ने कहा कि खासकर अपने भारत का अनुपम संविधान तो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा व उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की जबर्दस्त मानवीय गारण्टी देता है जिस पर सरकारों को सर्वाधिक ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों को आज इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते।

First Published on: June 2, 2020 4:26 PM
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