भारतीय मूल की कमला हैरिस होंगी जो बाइडन के साथ उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, ट्रंप को चुनावी नुकसान की आशंका


आज तक कोई अमरीकी महिला उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं जीत सकी है। हांलाकि इससे पहले दो महिलाओं को उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के बनाया गया था जिसमें 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फ़ेरारो का अपना उम्मीदवार बनाया था


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
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वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने सांसद कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।

इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाली वो पहली काली महिला होंगी। हालांकि उनकी जड़ें भारत में भी हैं और वो भारतीय-जमाईका मूल की हैं।

अमरीका की दोनों प्रमुख पार्टियों ने आज तक किसी अश्वेत महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया है। और आज तक कोई अमरीकी महिला उप राष्ट्रपति का चुनाव नहीं जीत सकी है। हांलाकि इससे पहले दो महिलाओं को उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के  बनाया गया था जिसमें 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फ़ेरारो का अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं।

कैलिफ़ोर्निया की सांसद कमला हैरिस एक समय जो बाइडन को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए चुनौती दे रहीं थीं, लेकिन राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होने के बाद उनके नाम की चर्चा हमेशा से हो रही थी कि जो बाइडन उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना साथी उम्मीदवार चुनेंगे। कमला कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं और वो पुलिस सुधार की बहुत बड़ी समर्थक हैं। वहीं मौजूदा उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स एक बार फिर ट्रंप के साथ उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे।

कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने के संबंध में राष्ट्रपति ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बाइडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी

उन्होंने लिखा कि,” उन्हें ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि उन्होंने कमला हैरिस को अपना उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना है। वे बहादुर योद्धा और अमरीका के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक हैं “

कमला हैरिस ने भी ट्वीट कर बाइडन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “बाइडन अमरीकी लोगों को एक कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने हम लोगों के लिए लड़ते हुए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी। और राष्ट्रपति के तौर पर वो एक ऐसा अमरीका बनाएंगे जो कि हमारे आदर्शों पर खरा उतरेगा।”

हैरिस ने आगे लिखा, “मैं अपनी पार्टी की तरफ़ से उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार की हैसियत से उनके साथ शामिल होने पर गर्व महसूस करती हूं और उनको अपना कमांडर-इन-चीफ़ (राष्ट्रपति) बनाने के लिए जो भी करना पड़ेगा वो करूंगी।”

बता दें कि अमेरिका में नवंबर-2020 में होने वाली राष्ट्रपति चुनाव के पहले दिसंबर-2019 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए हुए चुनाव में 55 वर्षीय कमला हैरिस जो बाइडन से ही हारकर रेस से बाहर हो गई थीं।

बता दें कि 2019 में  कमला हैरिस ने वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि नेताओं को सिर्फ़ अपने रंग और पृष्ठभूमि के कारण किसी ख़ास ढांचे में नहीं ढालना चाहिए। उनका कहना था, “मेरा कहना है कि मैं जो हूं वो हूं। मैं इससे ख़ुश हूं। आपको देखना है कि क्या करना है लेकिन मैं इससे बिल्कुल ख़ुश हूं।”

कमला हैरिस बाद में वे अमरीका के सबसे बड़े राज्य कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो पहली महिला और पहली अफ़्रीकी-अमरीकी थीं। कमला हैरिस दो बार अटॉर्नी जनरल रहीं और फिर 2017 में वो सांसद बनीं। वो ऐसा करने वाली दूसरी काली महिला थीं।
ट्रंप को नहीं भा रहीं कमला हैरिस की उम्मीदवारी

वहीं जो बाइडन की तरफ से कमला हैरिस को उप राष्टपति का उम्मीदवार बनाए जाने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कहा है, ” कमला हैरिस का चुना जाना बताता है कि जो बाइडन ख़ाली कवच हैं जो कि अतिवादी वामपंथी एजेंडा से भरा जा रहा है। बहुत पहले की बात नहीं है जब कमला हैरिस ने जो बाइडन को नस्लवादी क़रार दिया था और माफ़ी की माँग की थी जो उन्हें कभी नहीं मिली।”

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जिनके साथ बाइडन ने आठ सालों तक उप-राष्ट्रपति के पद पर काम किया था, ने ट्वीट कर कहा, “वो इस पद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अपने पूरे करियर को हमारे संविधान को बचाने के लिए लगाया है और उन लोगों की लड़ाई लड़ी है जिन्हें यहां जायज़ हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।” ओबामा ने आगे कहा, “आज हमारे देश के लिए अच्छा दिन है। अब चलिए इसे जीता जाए।”

ट्रंप को हो सकता है चुनावी नुकसान

अमेरिकी चुनाव पर नजर रखने वालों राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जो बाइडन की तरफ से कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने से राष्ट्रपति ट्रंप को चुनावो में नुकसान उठाना पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि भारतीय-अमेरिकी हमेशा से ही उदारवादी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी को अपना वोट देते रहे हैं, लेकिन ट्रंप के मोदी से नजदीकी बढ़ाने के बाद अमेरिका में मौजूद मोदी समर्थक भारतीय-अमेरिकी लोगों को ट्रंप के पक्ष में मतदान करने का माहौल बनाने में लग हुए। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भी चुनावी फायदे के लिए अमेरिका में हाउडी मोदी और फिर ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए गुजरात में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम का आयोजन किया था।

इन दोनों कार्यक्रमों के बाद अमेरिकी जनता के बीच हुए सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई थी कि इस बार 13 प्रतिशत भारतीय अमेरिकी अपना वोट ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को दे सकते हैं। जानकारों का कहना है कि जो बाइडन के भारतीय मूल का कमला हैरीस के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के ऐलान के बाद ट्रंप के पक्ष में बना मत अब दोबारा जो बाइडन की डेमोक्रेटिक की तरफ जा सकता है और भारतीय-अमेरिकयों का यह वोट बाइडन को राष्ट्रपति पद की जीत की कामयाबी में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।