
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मीडिया वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश में सोमवार से लॉकडाउन- 5.0 यानी अनलॉक-1 शुरू होगा। हमने टीम 11 के साथ इसको लेकर कल काफी मंथन किया है। अनलॉक में जनता को मिलने वाली राहत पर गाइडलाइन तैयार की गई है। सभी को इन गाइडलाइन का पालन करना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में सोमवार से अनलॉक शुरू होगा। इसमें भी कंटेन्मेंट जोन में सख्ती रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बस और टैक्सी सेवा को शुरू करने का निर्णय लिया गया है और लॉकडाउन 5.0 में हम लोग काफी छूट दे रहे हैं। इसमें कि लोगों को काफी सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि पहले हफ्ते से हम चरणवार छूट देंगे। इसी क्रम में आठ जून से धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। इस दौरान भी हम मास गैदरिंग नहीं होने देंगे। हमने कई क्षेत्रों में लोगों को काफी राहत दी है, लेकिन बुजुर्ग व बच्चों को अभी भी बचना होगा।
सीएम ने कहा कि हम इस संकट काल में भी जनता पर कोई टैक्स नहीं थोप रहे हैं, लेकिन जनता को भी कोरोना वायरस के संक्रमण से अपना बचाव करना होगा। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने एक और लॉकडाउन यानी लॉकडाउन 5.0 को 30 जून तक बढ़ाया है। इसमें कंटेनमेंट (सील) जोन में अभी भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा। अनलॉक-1 के नाम से शुरू की जा रही व्यवस्था में आवागमन से लेकर लगभग सभी गतिविधियों को शर्त के साथ शुरू किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में भी कंटेनमेंट (सील) जोन में एक से 30 जून तक लॉकडाउन पूरी सख्ती से लागू रहेगा। सूबे में सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही इजाजत होगी। कांटेक्ट ट्रेसिंग, घर-घर सर्विलांस का काम जारी रहेगा। सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण पर हर क्षण सही निर्णय लिया है। देश में चार चरण में लागू लॉकडाउन के कारण ही हम लोग इस भयंकर महामारी में भी काफी सुरक्षित हैं।
योगी ने कहा कि शनिवार को ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति के पथ पर है और अब तो यह तय है कि भारत दुनिया में महाशक्ति बनेगा। पीएम मोदी ने हर कठिन काम को आसानी ने पूरा किया। इस संकटकाल में कई देश भारत की ओर देख रहे हैं। यूपी इस विपरीत समय को अवसर में बदलेगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान, कोरिया डेस्क बनाया गया है और उद्योग आना भी शुरू हुआ है। वैश्विक स्तर पर भी भारत की धमक लगातार बढ़ी है। मोदी जी ने ही देश के गरीबों की जिंदगी बदलने के साथ जीवनदायिनी मानी जाने वाली गंगा नदी को निर्मल करने का हम सभी का सपना साकार किया है। इसी क्रम में कश्मीर में धारा 370 को खत्म किया गया। लॉकडाउन 5.0 को अनलॉक-1.0 भी माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि इस दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार एक से 30 जून तक प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत दे सकती है। इसमें भी योगी आदित्यनाथ सरकार कंटेनमेंट जोन को लेकर बेहद गंभीर है। इस जोन में अब और भी सख्ती बढ़ेगी। जिन जिलों में संक्रमण कम हो रहा है, वहां पर बड़ी राहत देने की तैयारी है। प्रदेश सरकार गाइडलाइन के तहत छूट के बड़े ऐलान कर सकती है। केंद्र सरकार की हर गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में धार्मिक स्थलों को सोशल डिस्टेंसिंग के सख्त पालन के साथ खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इससे पहले भी कई संगठन पहले ही धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग कर चुके हैं।
प्रदेश सरकार लखनऊ मेट्रो को चलाने का ऐलान कर सकती है। यह तो शहर की लाइफ लाइन मानी जाती है। इसके साथ ही रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल को खोलने की इजाजत मिल सकती है। प्रदेश सरकार जिलों के साथ ही एक से दूसरे राज्य में आवाजाही के लिए किसी भी तरह के पास की जरूरत को खत्म कर सकती है।
लॉकडाउन 5.0 में योगी आदित्यनाथ सरकार अभी भी कई सावधानी को बरकरार रखना चाहती है। इनमें चेहरे को फेस मॉस्क या अगोंछा से ढकना तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। भले ही सभी दुकानें खुलें, लेकिन दुकान के अंदर पांच से ज्यादा लोगों को रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस दौरान दुकान में एक दूसरे के बीच 6 फुट की दूरी अनिवार्य होगी। विवाह में अधिकतम 50 और अंतिम संस्कार के लिए पहले की तरह ही अधिकतम 20 लोगों को शामिल होने की इजाजत होगी।
प्रदेश में कहीं पर भी सार्वजनिक स्थल पर पान, गुटखा और तंबाकू खाकर थूकने पर पाबंदी बरकरार रहेगी। फिलहाल 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग, गर्भवती महिला और दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है। केंद्र सरकार ने जैसे ही लॉकडाउन 5.0 के लिए गाइडलाइन जारी की लोग यह जानने के लिए परेशान हो गए कि यूपी में कितने कंटेनमेंट जोन हैं जहां छूट नहीं मिलने वाली है।
सरकार की ओर से शनिवार रात जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक यूपी में अभी तक 1094 कंटेनमेंट जोन है। जिलेवार कंटेनमेंट जोन की लिस्ट बनाने का जिम्मा स्थानीय जिला प्रशासन के पास है। वह तय करेगा कहां क्या करना है।