श्रीलंका चुनावों में महिंद्रा राजपक्षे की भारी जीत, पीएम ने दी जीत की बधाई तो राजपक्षे ने भी संबंधों को मजबूत बनाने का किया वादा


मोदी ने श्रीलंका की सरकार और वहां की चुनावी संस्थाओं की तारीफ की क्योंकि कोविड-19 महामारी की दिक्कतों के बावजूद वहां प्रभावी तरीके से चुनाव संपन्न कराए गए। उन्होंने चुनावों में प्रभावी भागीदारी के लिए श्रीलंका की जनता की भी तारीफ की और कहा कि यह दोनों देशों के मजबूत लोकतांत्रिक मानकों के अनुकूल है।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे को उनकी पार्टी के संसदीय चुनाव में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। हांलाकि चुनाव परिणामों की घोषणा अभी हुई नहीं है, लेकिन गुरुवार दिन भर चले मतगणा के परिणामों में श्रीलंका में  प्रभावशाली राजपक्षे परिवार द्वारा नियंत्रित श्रीलंका पीपुल्स पार्टी भारी जीत की ओर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने श्रीलंका की सरकार और वहां की चुनावी संस्थाओं की तारीफ की क्योंकि कोविड-19 महामारी की दिक्कतों के बावजूद वहां प्रभावी तरीके से चुनाव संपन्न कराए गए। उन्होंने चुनावों में प्रभावी भागीदारी के लिए श्रीलंका की जनता की भी तारीफ की और कहा कि यह दोनों देशों के मजबूत लोकतांत्रिक मानकों के अनुकूल है।

बयान के अनुसार मोदी ने कहा कि आने वाले परिणाम में एसएलपीपी (Sri Lanka Podujana Peramuna) शानदार प्रदर्शन की ओर बढ़ रहा है और यह उसकी जीत की ओर साफ इशारा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए राजपक्षे को बधाई और शुभकामनाएं दी। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आपसे बात करना सुखद रहा। एक बार फिर आपको बहुत सारी शुभकमनाएं। हम साथ मिलकर द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ायेंगे और अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे।’’

जिसके उत्तर में महिंद्रा राजपक्षे ने भी प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद दिया और कहा, “बधाई फोन काल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी आपका धन्यवाद। श्रीलंका की जनता के भारी समर्थन के बाद मैं आपके साथ हमारे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। श्रीलंका और भारत दोस्त हैं और उनके दोनों के सांस्कृतिक संबंध हैं। “

महिंद्रा राजपक्षे ने भी प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद दिया और कहा, “बधाई फोन काल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी आपका धन्यवाद। श्रीलंका की जनता के भारी समर्थन के बाद मैं आपके साथ हमारे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। श्रीलंका और भारत दोस्त हैं और उनके दोनों के सांस्कृतिक संबंध हैं। “

खबरों के अनुसार सिंहली बहुल दक्षिण क्षेत्र से अब तक पांच परिणामों की घोषणा की गयी है। इनमें एसएलपीपी को 60 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं। वहीं एसएलपीपी की निकटतम प्रतिद्वंद्वी यूएनपी जिसकी स्थापना सजीथ प्रेमदासा ने की है, को आशानुरूप सफलता नहीं मिली है। बता दें कि प्रेमदासा ने अपनी मूल पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से अलग होकर नयी पार्टी बनायी है। चुनाव परिणामों के अनुसार यूएनपी चौथे स्थान पर है। आधिकारिक परिणामों से पता चलता है कि मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने भी यूएनपी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।

बता दें कि श्रीलंका में बुधवार को मतदान हुआ था और गुरुवार सुबह मतों की गिनती शुरू हुई। मतों की गिनती शुरू होते ही एसएलपीपी के संस्थापक बेसिल राजपक्षे ने कहा कि पार्टी नयी सरकार बनाने के लिए तैयार है। 

विश्लेषकों के अनुसार एसएलपीपी 225 सदस्यीय संसद में आराम से बहुमत हासिल कर लेगी। बेसिल राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के छोटे भाई हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे उनके सबसे बड़े भाई हैं। राष्ट्रपति को उम्मीद है कि एसएलपीपी को दो-तिहाई बहुमत मिलेगा। इससे वह संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रपति पद की शक्तियों को बहाल कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि साल पूर्व राष्टपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2015 में संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती कर दी थी, लेकिन महिंद्रा राजपक्षे दोबारा राष्ट्रपति बनने पर उन शक्तियों को पुनः बहाल करना चाह रहे हैं।

श्रीलंका में महामारी की वजह से दो बार इस चुनाव को टालना पड़ा था। संसद के 225 सदस्यों के पांच साल तक निर्वाचन के लिए चुनाव हो रहे हैं। यहां 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को 225 सांसदों में से 196 के निर्वाचन के लिए मतदान करने का अधिकार है। वहीं 29 अन्य सांसदों का चयन प्रत्येक पार्टी द्वारा हासिल किए गए मतों के अनुसार बनने वाली राष्ट्रीय सूची से होगा।

1.62 करोड़ मतदाओं ने किया मत का प्रयोगा
राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिय ने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच हुए चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए, जिसमें 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। देशप्रिय ने कहा कि 1.62 करोड़ मतदाताओं में से करीब 71 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। देश में 64 मतगणना केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है।

मतदान के बुधवार शाम पांच बजे सम्पन्न होने के बाद मतपेटियों को मतगणना केन्द्र भेज दिया गया था। राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों को मतगणना केन्द्रों पर रात भर निगरानी रखने की अनुमति दी गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके साथ कोई छेड़छाड़ ना हो पाए।

एसएलपीपी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संगठक बासिल राजपक्षे ने कहा कि उनकी पार्टी नयी सरकार के गठन के लिए तैयार है। बासिल, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री पद के दावेदार महिंदा राजपक्षे के भाई हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि एसएलपीपी ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी। हम चुनाव में दो-तिहाई बहुमत की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन इसका फैसला तो लोग ही करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति गोटबाया और प्रधानमंत्री महिंदा के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। चुनाव आयोग के अध्यक्ष देशप्रिय ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शुरुआती नतीजे दोपहर साढ़े तीन बजे तक आ जाएंगे।’’ उन्होंने बुधवार को कहा था कि मतगणना कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत ही की जा रही है।

महिंदा राजपक्षे ने मतदान के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमें दो-तिहाई बहुमत से जीत की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई को पिछले साल दिसंबर में 69 लाख मतदाताओं ने समर्थन देकर राष्ट्रपति बनाया था और उन्हें इसी तरह का समर्थन इस बार मिलने की उम्मीद है। 
दो बार टल चुका था चुनाव

बता दें कि श्रीलंका में महामारी की वजह से दो बार इस चुनाव को टालना पड़ा था। संसद के 225 सदस्यों के पांच साल तक निर्वाचन के लिए चुनाव हो रहे हैं। यहां 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को 225 सांसदों में से 196 के निर्वाचन के लिए मतदान करने का अधिकार है। वहीं 29 अन्य सांसदों का चयन प्रत्येक पार्टी द्वारा हासिल किए गए मतों के अनुसार बनने वाली राष्ट्रीय सूची से होगा।

पहले यह चुनाव 25 अप्रैल को होने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसकी तारीख बढ़ाकर 20 जून की गई। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख आगे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई।

करीब 20 राजनीतिक दलों और 34 स्वतंत्र समूहों के 7,200 से ज्यादा उम्मीदवार 22 चुनावी जिलों से मैदान में हैं।