मुरगन की मां ने व्हाट्सएप पर बात करने की मांग की, अदालत की टिप्पणी अनुमति देने में क्या समस्या

मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अतिरिक्त लोक अभियोजक को निर्देश दिया कि वह राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन की मां की याचिका पर अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करें। मां की याचिका में अनुरोध किया गया है कि उनकी बेटी और उसके पति को रोजाना 10 मिनट के लिए अपनी मां और बहन से व्हाट्सएप के जरिए बातचीत करने की अनुमति दी जाए।

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अतिरिक्त लोक अभियोजक को निर्देश दिया कि वह राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन की मां की याचिका पर अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करें। मां की याचिका में अनुरोध किया गया है कि उनकी बेटी और उसके पति को रोजाना 10 मिनट के लिए अपनी मां और बहन से व्हाट्सएप के जरिए बातचीत करने की अनुमति दी जाए।
अदालत ने निर्देश जारी करते हुए मौखिक टिप्पणी की कि जब अधिकारी पहले से ही कैदियों को अपने रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति दे रहे हैं तो मुरुगन और नलिनी को उसकी मां से बात करने की अनुमति देने में क्या समस्या है।
मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति पीटी आशा की खंडपीठ नलिनी की मां एस पद्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने मुरुगन के पिता की 27 अप्रैल 2020 को श्रीलंका में मृत्यु का हवाला देते हुए कहा कि अपने पिता के अंतिम संस्कार को व्हाट्सएप वीडियो पर देखने के उसके अनुरोध को तमिलनाडु सरकार ने स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा कि नलिनी ने 28 अप्रैल को उनसे फोन पर बात की और उनसे जेल अधिकारियों और गृह विभाग को मुरुगन की मां और उनकी बहन के साथ बातचीत करने की अनुमति देने के लिए आवेदन दायर करने का अनुरोध किया। नलिनी के अलावा, उसका पति मुरुगन, ए जी पेरारिवलन, संथान, जयकुमार, रविचंद्रन और रॉबर्ट पायस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। उन्हें शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।

First Published on: May 27, 2020 6:24 AM
Exit mobile version