पणजी। गोवा के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि पिछले साल मार्च में मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत नीत राज्य सरकार को समर्थन देना उनकी एक ‘‘राजनीतिक भूल” थी।
दक्षिण गोवा जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र फातोर्डा में रविवार को सभा को संबोधित करते हुए, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख ने इस “गलती” के लिए लोगों से माफी मांगी और भाजपा नीत राज्य सरकार पर “अक्षम, गैर-पारदर्शी होने और कोई प्रशासनिक जिम्मेदारी न लेने’’ का आरोप लगाया।
सरदेसाई ने कहा, “हम भविष्य में ऐसी सरकार के गठन में सहयोग नहीं देंगे। हमारे लिए, भाजपा पर्रिकर के निधन के बाद ही समाप्त हो गई थी। हम भविष्य में भाजपा को कभी इस राज्य में शासन नहीं करने देंगे।’’
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। हालांकि, भाजपा के दिग्गज नेता पर्रिकर, जो उस वक्त देश के रक्षा मंत्री थे, वह गृह राज्य गोवा लौटे जहां उन्होंने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए जीएफपी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायकों के साथ गठबंधन किया।
पिछले साल पर्रिकर के निधन के बाद, जीएफपी ने प्रमोद सावंत नीत राज्य सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया था। लेकिन, सावंत ने पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के 10 विधायकों के सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो जाने के बाद सरदेसाई और जीएफपी के दो अन्य नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था।
सरदेसाई ने सभा से कहा, “मैं पर्रिकर के निधन के बाद सरकार से बाहर न होने का फैसला लेकर की गई बड़ी राजनीतिक भूल के लिए गोवा वासियों से माफी मांगता हूं। मेरी गलती की वजह से आज, गोवा के लोग भुगत रहे हैं और हम सजा भुगतने के लिए तैयार हैं।’’
सरदेसाई ने कहा कि भविष्य में उनकी पार्टी अच्छे कानून बनाने के लिए राज्य सरकार की मदद करने में समावेशी तरीके से काम करेगी।