UNSC में भारत की सदस्यता के लिए मिले समर्थन को लेकर वैश्विक समुदाय का बहुत आभारी हूं : मोदी


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चुने जाने पर प्रधानमंत्रीने ट्वीट किया कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।



नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए ‘‘तहे दिल से आभारी’’ हैं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है। सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े, जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे। भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुने जाने पर अमेरिका ने भी को बधाई दी है। अमेरिका ने भारत का स्वागत करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सुरक्षा परिषद में भारत के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने कहा कि ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का गर्मजोशी से स्वागत’’ करते हैं और ‘‘भारत के चुने जाने पर उसे बधाई देते है’’।

उसने ट्वीट कर कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के मामलों पर मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। यह भारत और अमेरिका के बीच समग्र वैश्विक रणनीतिक साझीदारी का विस्तार है।
ज्ञात हो कि इससे पहले भारत वर्ष 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बन चुका है और वह विश्व में शांति और स्थिरता के लिए काम कर चुका है।