
आज के दिन यानी 28 सितंबर ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन को रेबीज दिवस मनाने का उद्देश्य रेबीज बीमारी के बारे में जागरुकता को बढ़ाना है। रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। ये रेबीज वायरस की वजह से होता है जो रबडोविरिडे परिवार के लिसावायरस जींस से पैदा होता है। WHO के मुताबिक, भारत में हर साल तकरीबन 20,000 लोगों की मौतें रेबीज से होती हैं। इस लिए जरुरी है कि इस दिवस इस बिमारी के बारे में जागरुकता फैलाई जाए।
विश्व रेबीज दिवस 2021: इतिहास
पहली बार विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर 2007 को मनाया गया था। ये आयोजन एलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, यूएसए के बीच एक सहयोग था, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर। दुनिया में रेबीज के प्रतिकूल प्रभाव से पीड़ित होने के बाद दोनों संगठनों ने इस दिन की शुरुआत की।
विश्व रेबीज दिवस 2021: महत्व
‘विश्व रेबीज दिवस’ दुनिया के लिए बीमारी के लोगों में आतंक को स्वीकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। रेबीज सभी स्तनधारियों और विशेष रूप से जंगली जानवरों के जरिए कॉन्ट्रैक्ट होता है। लुई पाश्चर की पुण्यतिथि की वजह से 28 सितंबर मेडिकल इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख है। ये दिन रेबीज जैसी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए जानवरों की बेहतर देखभाल और कम ज्ञान फैलाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक इस बीमारी की घटना को खत्म करना है। इस दिवस पर देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ट्वीट करके इस बिमारी के बारे में देश के लोगों को जागरुक किया।
Safe & effective animal bite treatment is available in the Government hospitals and other health centres. #WorldRabiesDay #PreventRabies #SwasthaBharat pic.twitter.com/TjhS8QBKXi
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) September 28, 2021
विश्व रेबीज दिवस 2021:थीम
विश्व रेबीड दिवस की इस साल की थीम यह है: “रेबीज: तथ्य, खौफ नहीं”यानी की लोगों को इस बिमारी के डर को खत्म करने और उन्हें इस बिमारी के बारे में तथ्यों के साथ जानकारी उपल्बध कराए। इस वर्ष की थीम रेबीज के बारे में तथ्यों को साझा करने पर केंद्रित है, न कि बीमारी के बारे में डर फैलाने पर। गलत सूचनाओं और मिथकों पर भरोसा नहीं करना हैं।