
यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप के चेयरमैन मोरोफुमी शितारा ने एक बिज़नेस अखबार को दिए गये इंटरव्यू में कहा है कि भारत सरकार को देश की आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने की कोई जरुरत नहीं थी और लाॅकडाउन के विस्तार ने पहले से ही चरमराई अर्थव्यवस्था को और हिला दिया है।
यामाहा की ओर से आया ये बयान बेहद महत्वपूर्ण इसलिए भी हो जाता है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व के कई देशो की बडी अर्थव्यस्था के बराबर है। साथ ही साथ भारत का नाम उन देशो में शुमार होता है जो मोटरसाइकिल और स्कूटर के प्रोडक्शन में आगे है।
शितारा के मुताबिक संकट की इस स्थिति में लाॅकडाउन के लिए एक उचित रोडमैप और दृष्टिकोण की जरुरत थी और सरकार की पहली प्राथमिकता इंसानो की जान और देश की अर्थव्यस्था के बारे में होना चाहिए था। शितारा ने इस बात पर भी बल दिया की कोविड-19 के बाद भारत के अलावा और बाकी देशो के लिए भी चीज़ों को ठीक करने की प्रक्रिया में काफी समय लगेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये पहले ही बता दिया था की मुमकिन है कि ये वायरस कभी इस धरती से जाए ही नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की भी चेतावनी दी है निकट भविष्य मे इस वायरस की दूसरी और तीसरी लहर भी देशों को अपने घेरे में ले सकती है।
अखबार के साथ अपनी इस बातचीत में चैयरमेन शितारा इस बात को लेकर बेहद आशान्वित दिखे की ये सेक्टर वापस अपने पैरो पर खड़ा हो जायेगा और सेल्स की भी रिकवरी हो जायगी। उन्होंने विश्वास जताया की सोशल डिस्टेन्सिंग की वजह से सभी बस या ट्रैन के सफर की बनिस्बत अपने खुद के टु व्हीलर्स पर सवारी करना ज्यादा पसंद करेंगे। उन्होंने बताया की कोविड-19 की वजह से ऑटोमेटिव सप्लाई चैन व्यवस्था पर विश्व स्तर पर काफी बड़ी चोट पहुंची है।
इस परिस्थिति से निपटने के लिए उन्होंने डी रिस्क स्ट्रॅटेजी पर जोर दिया और बताया की वैल्यू चैन को निरंतर बनाये रखने के लिए इसकी ख़ास जरुरत है। उन्होंने ये भी कहा की यामाहा ने इसकी शुरुआत पांच साल पहले जब उनका प्लांट चेन्नई में शुरू हुआ था तब ही कर दी थी। उन्होंने कहा की अगर फैक्ट्री के पास ही वेंडर पार्क हो तो इससे प्रतिदिन के प्रोडक्शन में खासा सहूलियत हो जाती है और इस तरह के संकट के दौरान राहत मिलती है।
दुनिया के कई देशों की छोटी-छोटी चीज़ो के लिए चीन के ऊपर सोर्सिंग की निर्भरता की बात पर उन्होंने कहा की चीन की अर्थव्यस्था कुछ ऐसी है जिसकी बराबरी कई देश नहीं कर सकते है लेकिन कोविड-19 की वजह से डीसेंट्रलाईजेशन की महत्ता इसके बाद बढ़ जाती है।
चेयरमैन शितारा ने माना की अगर भारत सरका जीएसटी के रेट कम करती है तो ये बहुत बड़ी राहत होगी पुरे ऑटो सेक्टर के लिए। अंत में उन्होंने इस बात पर बल दिया की फिलहाल सरकार की प्राथमिकता इसी बात को लेकर होनी चाहिए की ऑटो सेक्टर के उपर बिना किसी अतिरिक्त बोझ के वो चीज़ो की मांग में वृद्धि कैसे ले आये।