उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के खिलाफ अब विभाग ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। जिसमें अलग-अलग जिलो के 11 पुलिस कर्मियों को डीजीपी राजीव कृष्ण ने निलंबित कर दिया है। इनमें कई के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल थे।
पुलिस मुख्यालय से बुधवार को जारी आदेश में ये जानकारी दी गयी है। खुद डीजीपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में एक इंस्पेक्टर, एक महिला दरोगा, चार दारोगा और पांच कांस्टेबल शामिल हैं।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें पुलिसकर्मी वाहन चालकों से रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। इसमें चित्रकूट, बांदा और कौशाम्बी के 11 पुलिसकर्मी शामिल हैं। जांच में सभी दोषी पाए गए। जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इसमें एक इंस्पेक्टर, एक महिला सब इंस्पेक्टर,चार सब इंस्पेक्टर,पांच कांस्टेबल शामिल हैं।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने सभी जिलों में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर किसी के खिलाफ विभागीय के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी जिले में ऐसी पुनरावृत्ति न हो। उधर पुलिस सूत्रों के मुताबिक निलम्बित कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि डीजीपी स्तर से प्रदेश में इस तारा की कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। दरअसल पूरी रेट लिस्ट भी वायरल बताई जा रही है। जिसमें पद और थाने के हिसाब से रेट लिस्ट तय है। इस मामले की भी जांच जारी है। माना ये जा रहा है कि इस कार्रवाई की जद में कई और कर्मचारी और सीनियर अफसर भी आ सकते हैं।
वहीं इस मामले ने प्रदेश के पुलिस महकमे की खासा किरकरी करा दी है। एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करती हैं तो दूसरी तरफ पुलिस जैसा महत्वपूर्ण विभाग ही अगर भ्रष्टाचार में संलिप्त है तो कई सवाल खड़े होते हैं।
