लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबंध में कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने, उनकी छवि खराब करने का प्रयास करने और जातीय विद्वेष को भड़काने को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शनिवार की रात भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 153-बी (किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरूद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना और नफरत फैलाना) समेत कई गंभीर धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस की तहरीर में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की साजिश और जातीय विद्धेष भड़काने का आरोप है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में रविवार की शाम को बिना किसी का नाम लिए प्रतिक्रिया व्यक्त की। योगी ने कहा, ‘जिसे विकास अच्छा नहीं लगता वो देश में और प्रदेश में भी जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं। इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा।’
योगी ने कहा ‘इस दंगे की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकने का उन्हें अवसर मिलेगा। इसलिए वे नये षड़यंत्र करते रहते हैं और इन सभी षड़यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना है।’
इससे पहले, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मध्य क्षेत्र सोमेन वर्मा ने बताया कि ‘सोशल मीडिया के जरिये विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने, सामााजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसे कुत्सित प्रयास पर हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है।’
वर्मा ने कहा कि ‘इस मामले की जांच करने के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। एक टीम साइबर सेल की भी है। यह प्रयास किया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के अकाउंट से फेसबुक पर अवांछित टिप्पणी और साजिश की गई है, उसका नाम उजागर हो।’ डीसीपी ने इस मामले में जल्द सच्चाई सामने लाने का दावा किया।
हजरतगंज कोतवाली के नरही चौकी प्रभारी की ओर से दी गई तहरीर पर धारा 153-ए, 153-बी, 420 (धोखाधड़ी) 465 (जालसाजी) 468 (छल के लिए दस्तावेजों का प्रयोग) 469 (जालसाजी से किसी की ख्याति की अपहानि) 500 (किसी की मानहानि) 500 (1) (बी) 505 (2) 66 और 63 (सूचना संबंधित अपराध) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अपनी तहरीर में चौकी प्रभारी ने बताया है कि ‘सोशल मीडिया पर मुन्ना यादव नाम के उपयोगकर्ता के अकाउंट के साथ एक न्यूज चैनल के फर्जी समाचार का स्क्रीन शाट संलग्न है जिसमें मुख्यमंत्री की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है।’
तहरीर में लिखा है कि ‘स्क्रीन शाट में मुख्यमंत्री की फोटो के साथ यह बयान दिया गया है कि ठाकुरों से गलतियां हो जाती हैं-योगी।’ चौकी प्रभारी ने तहरीर में यह आशंका जताई है कि इससे लोक शांति भंग हो सकती है।
उधर, उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री और भाजपा के प्रमुख दलित नेता रमापति शास्त्री ने हाथरस मामले पर रविवार को कहा है कि ‘विपक्ष गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है। विपक्ष के ट़वीट, ऑडियो टेप और पुरानी घटनाएं दंगे की साजिश की ओर इशारा कर रही हैं। विपक्ष जातीय दंगे कराना चाहता है। वह नहीं चाहता कि सच सामने आए।’
उल्लेखनीय है कि हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है।
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह विपक्ष की साजिश है। इसीलिए सीबीआई जांच की संस्तुति और नार्को-पालीग्राफ टेस्ट की जांच की घोषणा से बहुत से लोगों के होश उड़ गये हैं।’
प्रवक्ता ने बताया कि हाथरस मामले में जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के सुराग मिले हैं। यह जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश है। प्रमाण मिलने पर ही मामला दर्ज किया गया है। यह साजिश मुख्यमंत्री द्वारा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से परेशान तत्वों ने की है।’