लखनऊ। प्रदेश के बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र और नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के अंत्येष्टि के नाम पर उत्तराखंड का भ्रमण किया और इस दौरान उनके तीन गाड़ियों के काफिले को टिहरी जिले में रोक लिया गया। अमनमणि और उनके दस साथियों को मुनिकीरेती पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में निजी मुचालके पर छोड़ दिया।
उक्त मामले की जानकारी यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय को लगी तो उनकी ओर से प्रेस नोट जारी कर मुख्यमंत्री का नाम प्रकरण से जोड़ने को आपत्तिजनक बताया है। उत्तराखंड के टिहरी में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर जिले के मुनीकी रेती थाने की पुलिस ने जब विधायक अमनमणि को रोका तो उन्होंने उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर वाला आदेश पत्र दिखाया।
इसमें अपर मुख्य सचिव द्वारा अनुमति दिए जाने का कारण यूपी के मुख्यमंत्री के पिता योगी आदित्यनाथ के पिता के अंत्येष्टि में शामिल होना सामने आया। जिसमें बद्रीनाथ सहित अन्य स्थानों पर अमनमणि के जाने को अनुमति थी।
उक्त प्रकरण के फैलते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया। जिसमें लिखा गया है कि विधायक अमनमणि के संबंध में मीडिया में कुछ समाचार दिखाए जा रहे हैं जिसमें उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उनको उत्तराखंड जाने के अधिकृत किए जाने की बात की जा रही है।
इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें ना तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा और न ही राज्य सरकार द्वारा इस हेतु अधिकृत किया गया है। वह अपने कृत्यों के लिए स्वयं उत्तरदाई हैं। और उनके द्वारा तथ्यों को भ्रामक रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ जोड़ना आपत्तिजनक है।