एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म करने की साज़िश का कांग्रेस का विरोध

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक चरित्र पर 1981 का फैसला उसे अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देता है। जिसे कई बार राजनीतिक कारणों से चुनौती दी गयी है। इसकी कानूनी लड़ाई लंबे समय से चल रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला इसके अल्पसंख्यक चरित्र को बहाल रखने के पक्ष में आएगा।

लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे और पूजा स्थल अधिनियम 1991 को खत्म करने की कोशिशों पर अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिक समूहों के नेताओं और बुद्धिजीवीयों के साथ चर्चा आयोजित की।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पूर्व न्यायाधीश बीडी नकवी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक चरित्र पर 1981 का फैसला उसे अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देता है। जिसे कई बार राजनीतिक कारणों से चुनौती दी गयी है। इसकी कानूनी लड़ाई लंबे समय से चल रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला इसके अल्पसंख्यक चरित्र को बहाल रखने के पक्ष में आएगा।

उन्होंने कहा संविधान का अनुच्छेद 30 जो अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अधिकार देता है वो किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की तरह अपने अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी पहचान के साथ शैक्षिक विकास का अवसर देता है। इसको खत्म करने से देश की सांस्कृतिक बहुलता भी कमज़ोर होगी।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक चरित्र और पूजा स्थल अधिनियम 1991 को बदलने की साज़िश देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है। आज की बैठक में इन मुद्दों पर अभियान चलाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। जिनका डेलिगेशन जल्दी ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीका अर्जुन खड़गे से मिलेगा। डेलिगेशन भारत जोड़ो न्याय यात्रा के यूपी आने पर भी राहुल गाँधी से मुलाक़ात कर अपनी मांगों से अवगत करायेगा।

लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ अयाज इस्लाही ने कहा मौजूदा स्थिति में अल्पसंख्यक समाज पर जिस प्रकार निरंतर हमले हो रहे हैं फोन उनके शिक्षण संस्थाओं के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने का जो षड्यंत्र किया जा रहा है उससे अल्पसंख्यक समुदायों और देश के आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। अल्पसंख्यक समाज के अंदर आत्मविस्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शारिक़ अब्बासी ने इन तीनों मुद्दों पर कोर्ट में चल रहे मुकदमों की मौजूदा स्थिति बतायी।

 

First Published on: February 11, 2024 11:34 AM
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