बांदा। बांदा जिले के अतर्रा क्षेत्र में बागै नदी में बालू का अवैध खनन बंद करने और आवारा मवेशियों से फसलों की सुरक्षा की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया। किसानों का यह आमरण अनशन अतर्रा तहसील परिसर में चल रहा है।
किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की मिली भगत से दिन-रात जहां बालू का अवैध खनन कर खेतों से फसल नष्ट कर वाहन निकाले जा रहे हैं, वहीं कई गौशालाएं होने के बाद भी सैकड़ों की तादाद में आवारा (अन्ना) मवेशी किसानों की फसलें चौपट कर रहे हैं।
बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने बताया कि “शुक्रवार दोपहर से उन्होंने अतर्रा तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया है एवं समर्थन में 100 से ज्यादा किसान भी अनशन स्थल पर बैठे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “अतर्रा तहसील क्षेत्र के महुटा और बरकतपुर गांव में बागै नदी में भारी-भरकम मशीनों से दिन-रात बालू का अवैध खनन किया जा रहा है और बालू माफिया लहलहाती फसल को रौंदकर खेतों से बालू भरे वाहन निकाल रहे हैं।”
किसान नेता शर्मा का आरोप है कि “क्षेत्र के बरकतपुर व महुटा गांव में माफियाओं ने बालू खनन के लिए नदी में तीन अवैध पुलों का निर्माण कर नदी की जल धारा ही बदल दी है, जिससे पेयजल संकट भी गहराएगा।”
किसानों द्वारा अनशन किये जाने के मसले पर अतर्रा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) जेपी यादव ने बताया कि “जिलाधिकारी के निर्देश पर अवैध बालू खनन को लेकर तहसीलदार और खनिज अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जांच में कोई अवैध खनन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”
उन्होंने कहा कि “रही बात आवारा मवेशियों से फसल की सुरक्षा की तो यह समस्या पूरे बुंदेलखंड़ की है। हम किसानों की इस समस्या को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।”
एसडीएम ने बताया कि “बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा से अनशन समाप्त करने के लिए बातचीत की गई है, लेकिन उनके अड़ियल रवैये से वार्ता बेनतीजा रही। फिलहाल करीब 100 किसान तहसील परिसर में बैठे हुए हैं।”