पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर का निधन, सीएम योगी और अखिलेश ने जताया शोक

राजभर के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजभर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की दीदारगंज सीट से विधायक और राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर का 70 साल की उम्र में सोमवार रात लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। राजभर के परिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सीने में परेशानी के बाद लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

राजभर के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजभर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

सियासी गलियारों में शोक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिग्गज नेता सुखदेव राजभर के निधन पर दुख जाहिर करते हुए उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजभर के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि, ‘‘अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता सुखदेव राजभर का निधन अपूरणीय क्षति। शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान! ‘सामाजिक न्याय’ को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा।’’

  इसी क्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। 

सीएम योगी ने राजभर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि राजभर एक वरिष्ठ जन प्रतिनिधि थे और उन्हें संसदीय नियमों तथा परंपराओं की गहन जानकारी थी। राजभर निर्धन और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी ट्वीट कर कहा, ‘‘पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, विधायक सुखदेव राजभर के निधन का समाचार दु:खद है। आप वंचित समाज के लिए समर्पित रहे, आपका जाना समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।’’

राजभर का राजनीतिक सफर

राजभर लालगंज क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। वह 1991 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने थे। वह 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने। वह 1996 के चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह से पराजित हो गए थे लेकिन बाद में उन्हें विधान परिषद सदस्य चुन लिया गया था।

राजभर 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में फिर विजयी हुए थे। वह 2007 से 2012 तक तत्कालीन मायावती सरकार में प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी थे। लालगंज विधानसभा सीट सुरक्षित घोषित किए जाने के बाद उन्होंने 2012 में दीदारगंज क्षेत्र से चुनाव लड़ा मगर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। 2017 में वह फिर से दीदारगंज सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। वह मायावती, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव नीत सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे।

First Published on: October 19, 2021 9:35 AM
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