लखनऊ। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषकों के समर्थन में सपा द्वारा सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित ‘किसान यात्रा’ से ऐन पहले पार्टी मुख्यालय के इलाके को पुलिस द्वारा सील किये जाने के विरोध में धरने पर बैठे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया।
अखिलेश को कन्नौज में ‘किसान यात्रा’ में शामिल होना था, मगर उससे पहले ही पुलिस ने उनके घर और पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका अवरोधक लगाकर सील कर दिया। अखिलेश कन्नौज जाने के लिये अपने घर से निकले तो पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। इससे नाराज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश धरने पर बैठ गये। बाद में उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस वैन में बैठा दिया गया।
धरने के दौरान अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, भाजपा का यह तानाशाही रवैया है। उसने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं। भाजपा के लिये कोई कोरोना नहीं है। सिर्फ विपक्षियों के लिये है। भाजपा देश में कहीं भी सभाएं और चुनाव प्रचार कर ले, उसके लिये कोई कोरोना नहीं है।
सरकार कोरोना के सहारे लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। उन्होंने कहा, केवल पार्टी कार्यालय में ही नहीं, बल्कि सरकार हर समाजवादी कार्यकर्ता को अपमानित कर रही है। हम अपने घर से निकलकर किसानों के बीच अपनी बात रखते। जिस कानून को लेकर किसान दिल्ली घेरकर बैठा है, सरकार उसे वापस क्यों नहीं ले रही है।
सरकार पर अविश्वास बढ़ रहा है। सरकार अब बचने वाली नहीं है। इसके पूर्व, नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया गया। पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य मुख्यालय के अंदर ही भेजने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया।
पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और पार्टी की अधिवक्ता इकाई के सदस्य मौके पर पहुंचे और उनकी पुलिस से तीखी झड़प तथा धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में और किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर सपा सोमवार से पूरे प्रदेश में किसान यात्राएं शुरू कर रही है। इसके तहत अखिलेश को कन्नौज में आयोजित यात्रा में शिरकत करनी है।