पुलिसकर्मियों की शहादत पर अखिलेश के कार्टून पर भड़के पूर्व डीजीपी बृजलाल

पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलालने कहा कि 1981 में नथुवापुर थाना अलीगंज एटा में इंस्पेक्टर राजपाल सिंह सहित 9 पुलिस और पीएसी कर्मियों की हत्या राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कुख्यात छविराम यादव गैंग ने किया था। परिणामस्वरूप कुछ महीने में छविराम और उसके 14-15 साथियों का सफाया कर दिया गया था। हम बलिदान भूलते नहीं।

लखनऊ। कानपुर में पुलिस टीम के आठ सदस्यों के शहीद होने पर एक कार्टून को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विवादों में आ गये हैं। अखिलेश ने शुक्रवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक कार्टून साझा किया था, जिसमें कानपुर पुलिस के अपराधी को पकड़ने के दौरान उसे चारों तरफ से घेरने की बात कही गई, जिस पर दूसरी ओर से ‘सेम टू यू’ का जवाब दिया गया। अखिलेश का इस कार्टून के जरिए पुलिस पर तंज कसना प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल को रास नहीं आया।

उन्होंने शनिवार को सपा अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया और उन्हें नसीहत दी कि ये मुठभेड़ वैसी नहीं थी, जैसी उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को हटाकर स्वयं पार्टी अध्यक्ष पद पर कब्जा करके की थी। बृजलाल ने ट्वीट किया कि अखिलेश यादव जी, ‘पिता’ से सियासी मुठभेड़ जैसी ‘मासूम’ नहीं होती है जमीन पर मुठभेड़। आप क्या जानें कि कैसे गरीब के लड़के समाज की रक्षा के लिए मुठभेड़ को अंजाम देते हैं, शहीद होते हैं।

उन्होंने कहा कि इतना ‘अपराधी प्रेम’ कि पुलिस कर्मियों की शहादत को भी अपमानित कर डाला। शर्म करिए…बृजलाल ने पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद उन पर धोखे से हमला करने वाले अपराधी विकास दुबे और उसके पूरे गैंग के सफाया होने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि 1981 में नथुवापुर थाना अलीगंज एटा में इंस्पेक्टर राजपाल सिंह सहित 9 पुलिस और पीएसी कर्मियों की हत्या राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कुख्यात छविराम यादव गैंग ने किया था। परिणामस्वरूप कुछ महीने में छविराम और उसके 14-15 साथियों का सफाया कर दिया गया था। हम बलिदान भूलते नहीं।

उन्होंने शनिवार को सपा अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया और उन्हें नसीहत दी कि ये मुठभेड़ वैसी नहीं थी, जैसी उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को हटाकर स्वयं पार्टी अध्यक्ष पद पर कब्जा करके की थी। बृजलाल ने ट्वीट किया कि अखिलेश यादव जी, ‘पिता’ से सियासी मुठभेड़ जैसी ‘मासूम’ नहीं होती है जमीन पर मुठभेड़। आप क्या जानें कि कैसे गरीब के लड़के समाज की रक्षा के लिए मुठभेड़ को अंजाम देते हैं, शहीद होते हैं।

अमर जवान ज्योति की तर्ज पर शहीद पुलिस कर्मियों का बने स्मारक

कानपुर देहात के गांव बिकरु में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की आत्मा की शांति के लिए अवध राज्य आंदोलन समिति के राजधानी स्थित कार्यालय पर शनिवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। महामारी के नियमों का पालन करते हुए शहीद हुए सभी वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए और घायलों के शीध्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की गई। सभी शहीदों के परिवारों के प्रति सांत्वना व्यक्त की गई।

अवध राज्य आंदोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक रवीन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस हृदय विदारक घटना का प्रमुख कारण पुलिस का राजनीतिकरण और राजनीति का अपराधीकरण है। आज कोई भी राजनीतिक दल इस पाप से अछूता नहीं है। इस घटना को उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में कलंक की तरह दर्ज किया जाएगा।
अवध राज्य आंदोलन समिति महिला मोर्चे की अध्यक्ष हुजैफा अबरार ने कहा कि अमर जवान ज्योति की तर्ज पर राजधानी लखनऊ में एक स्मारक का निर्माण किया जाए और राज्य सरकार सम्बन्धित परिवारों को घोषित सुविधाओं का अनुपालन बिना किसी लम्बी चौड़ी कागजी कार्यवाही के पूरा करे।

First Published on: July 4, 2020 4:50 PM
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