विकास में बाधक माफिया संस्कृति की यूपी में कोई जगह नहीं: योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर माफियाओं को हिदायत दी है। उत्तर प्रदेश में विकास में बाधक अपराधियों या माफियाओं के लिए कोई जगह नहीं है। प्रदेश में भू-माफियाओं से लोगों की जमीन बचाने के लिए भी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। अपराधियों और माफियाओं पर नकेल कसने के लिए सुर्ख़ियों में रहने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर माफियाओं को हिदायत दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विकास में बाधक अपराधियों या माफियाओं के लिए कोई जगह नहीं है। प्रदेश में भू-माफियाओं से लोगों की जमीन बचाने के लिए भी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है।

इसी कड़ी में सीएम योगी ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि नए भारत के उत्तर प्रदेश में माफिया के लिए कोई जगह नहीं है। विकास में बाधक माफिया संस्कृति के पूर्णतः निर्मूलन के लिए यूपी सरकार पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश को सिर्फ विकास के नाम पर ही जाना जाएगा।

वहीं, प्रदेश के सुल्तानपुर, गाज़ीपुर और आजमगढ़ जिले में जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का सुपथ है। इसके बनाने से यहां रोजगार की आपार संभावनाएं बढ़ेंगी। भविष्य में प्रदेश के नागरिकों को नौकरी और रोजगार के लिए किसी अन्य राज्य या देश को नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलेगा।

इसके अलावा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीनों के मामले में जनता को बड़ी राहत दी है। सरकार ने जमीन की धोखाधड़ी रोकने के साथ ही भू-माफिया पर शिकंजा कसने के लिए हर जमीन का 16 अंक का यूनिक आइडी नंबर जारी करने का फैसला कर लिया है। राजस्व विभाग ने इसको लेकर कमर कस ली है।

बताया जाता है कि इस कार्रवाई से प्रदेश में जमीनों को लेकर बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों पर अब अंकुश लगेगा। सरकार ने धोखाधड़ी रोकने के लिए हर जमीन का 16 अंकों का यूनिक आईडी नंबर आवंटित कराने की प्रक्रिया और तेज कर दी है। राजस्व विभाग कृषि, आवासीय व व्यवसायिक भूमि को चिह्नति कर यूनिक आईडी नंबर जारी कर रहा है। इससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे एक क्लिक जमीन का पूरा ब्योरा जान सकेगा।

यूनिक आइडी कोड की मदद से विवादित भूखंड़ों के फर्जी बैनामों पर रोक लगाई जा सकेगी। प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया जा रहा है। ज्यादातर जिलों में इस पर काम शुरू हो गया है। राजस्व गांवों में अवस्थित भूखंड़ों के लिए यूनीक कोड निर्धारण और वादग्रस्त भूखंड़ों का राजस्व न्यायालय कंप्यूटकरीकरण प्रबंध प्रणाली में अंकन करने का काम किया जा रहा है।

राज्य के हर हिस्से की अपनी अलग पहचान होगी, जो अब भूमि विवाद के मामलों की जांच करेगा और लोगों को धोखेबाजों के जाल में फंसने से बचाएगा। उन्होंने कहा राजस्व विभाग सभी प्रकार की कृषि, आवासीय और वाणिज्यिक भूमि को चिह्नति करने के लिए यूनिकोड जारी करेगा और एक व्यक्ति अब एक क्लिक के साथ भूमि का विवरण जान सकेगा। यूनिकोड विवादित भूमि की नकली रजिस्ट्रियों को समाप्त कर देगा।



Related