महोबा के बर्खास्त सिपाही अरुण यादव ने अदालत में आत्‍मसमर्पण किया

मामले में फरार एवं गत दिनों निलंबित किए गए आईपीएस और बर्खास्त किए गए सिपाही पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

लखनऊ। महोबा जिले के बर्खास्‍त सिपाही अरुण कुमार यादव ने मंगलवार को अदालत में आत्‍मसमर्पण कर दिया जिसे न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उसपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

अदालत से मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश गौरव शर्मा ने महोबा के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आत्मसमर्पण करने वाले कबरई के बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव को चार दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

उन्‍होंने इसके साथ ही इस मामले में निरुद्ध कबरई के बर्खास्त थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए नौ दिसंबर की तारीख तय की है।

मंगलवार को विशेष अदालत में आरोपी देवेंद्र की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई, वहीं दूसरी तरफ बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने आत्मसमर्पण भी किया।

उल्‍लेखनीय है कि 11 सिंतबर को रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में अपने भाई क्रशर व्‍यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की आत्‍महत्‍या के मामले में मुकदमा दर्ज कराया जिसमें महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार व कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व अन्य को नामजद किया गया था।

प्राथमिकी में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके भाई इंद्रकांत से आरोपी प्रति माह छह लाख रुपये की अवैध वसूली करते थे। लॉकडाउन में वसूली नहीं देने पर उनके भाई को धमकी दी गई। आठ सितंबर को वह गोली लगने से घायल हो गए। 13 सितंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

प्रयागराज के पुलिस अधीक्षक (अपराध) आशुतोष मिश्रा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने अपनी जांच में इस मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया।

मामले में फरार एवं गत दिनों निलंबित किए गए आईपीएस और बर्खास्त किए गए सिपाही पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

First Published on: December 1, 2020 9:35 PM
Exit mobile version