सर्व सेवा संघ को बचाने के लिए 9 अगस्त को राष्ट्रीय सम्मेलन एवं 10 अगस्त को प्रतिरोध सभा


बैठक में यह भी तय हुआ कि अगले 10 दिन तक लगातार बनारस के प्रमुख चौराहों पर, सर्व सेवा संघ के ऊपर सरकार की ज्यादती व अवैधानिक कब्जे का प्रतिरोध, हस्ताक्षर अभियान को चलाया जाएगा।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

वाराणसी। सर्व सेवा संघ और गांधी, विनोबा, जेपी विरासत बचाओ समिति के संयुक्त तत्वाधान में बैठक हुई। बैठक में 9 अगस्त को अगस्त-क्रांति दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन वाराणसी के प्रणाड़कर भवन में आयोजन साथ ही 10 अगस्त को शास्त्री घाट पर प्रतिरोध सभा के बारे में विस्तृत चर्चा हुई।

9 व 10 अगस्त की तैयारियों के सिलसिले में 4 अगस्त को सभी विपक्षी पार्टियों की एक बैठक होगी और पराड़कर भवन में संयुक्त प्रेस वार्ता किया जाएगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि अगले 10 दिन तक लगातार बनारस के प्रमुख चौराहों पर, सर्व सेवा संघ के ऊपर सरकार की ज्यादती व अवैधानिक कब्जे का प्रतिरोध, हस्ताक्षर अभियान को चलाया जाएगा।

10 अगस्त की सभा के लिए वाराणसी बार एसोसिएशन, भारतीय किसान यूनियन व सभी किसान संगठनों, बुनकरों, ठेला-पटरी व्यवसाय संगठन, सफाई कर्मचारी संगठन, भूतपूर्व सैनिक संगठन, नागरिक समाज, बैंक, एलआईसी, रेलवे, ऑटो यूनियन, व्यापारिक संगठनों, राजनीतिक पार्टियों एवं सभी वार्ड के सभाषदों व मोहल्ला समितियों से संपर्क किया जाएगा और उन्हें 10 अगस्त की प्रतिरोध सभा के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

बैठक में सिराज भाई, संजीव सिंह, नंदलाल मास्टर, महंत राजेंद्र तिवारी, धनंजय त्रिपाठी, विनोद जायसवाल, जुबेर खान, सुभाष यादव, सतीश सिंह, सिस्टर फ्लोरीन, सुरेश राजभर, मनीष शर्मा, करीम, इंदु पांडे, लक्ष्मण मौर्य, कमलेश राजभर, विजय शंकर मेहता, जितेन्द्र एवं अवनीश आदि अनेक लोग उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता फादर आनंद ने एवं संचालन रामधीरज ने किया।

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के गांव लम्ही में अनेक सरकारी और गैर सरकारी व्यक्ति, संस्थाएं जुटी हुई थी। कहीं नाटक का मंचन हो रहा था, कहीं गीत – संगीत और कहीं चर्चा परिचर्चा जारी थी। मेले जैसा माहौल था। प्रेमचंद विद्रोही कथाकार थे। उनको जहां कहीं भी समाज में या अंग्रेज सरकार द्वारा अन्याय होता हुआ दिखा, उन्होंने अपनी लेखनी से उकेरा है।

सर्व सेवा संघ ने आज मुंशी प्रेमचंद को याद करते हुए उनके गांव में सरकार द्वारा और प्रशासन द्वारा किए जा रहे अन्याय के खिलाफ मेले में पर्चा बांटा और लोगों से हस्ताक्षर करवाया। घूम घूम कर लोगों को बताया कि भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी, विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण, मुंशी प्रेमचंद की किताबों को कूड़ा गाड़ी में भरकर खेतों में डाल दिया।

विश्व गुरु बनने का नारा देने वाली हिंदू सरकार ने, न केवल सामाजिक सरोकार वाली किताबों को कूड़े के ढेर की तरह डाल दिया बल्कि गांधी, विनोवा, स्वामी विवेकानंद, रामतीर्थ, रामकृष्ण परमहंस, शिवानंद के आध्यात्मिक पुस्तकों को भी लावारिस कूड़े के ढेर की तरह फेंक दिया
गीता प्रवचन, गीता माता, गीता तत्व बोध, पतंजलि योगसूत्र, महागुहा में प्रवेश आदि सैकड़ों की संख्या में आध्यात्मिक किताबें, योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा की किताबें भी सरकार ने खेतों में डाल दिया।

प्रकृति या ईश्वर की मेहरबानी कहिए कि बारिश नहीं हुई, इसलिए किताबें बच गई हैं। नहीं तो जैसे नालंदा में किताबें जल गई, ऐसे ही ये किताबें पानी में गल गई होती। बची हुई किताबों को सर्व सेवा संघ ने सहेज कर सीमित मात्रा में यहां वितरित किया।

आज कार्यक्रम में अजय, रोशन, नंदलाल मास्टर, धनंजय त्रिपाठी, फादर आनंद, जागृति राही, अनूप श्रमिक, जीतेंद्र, अवनीश, जय सागर, राम धीरज आदि कार्यकर्ता वहां मौजूद थे।



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