गाजियाबाद। विजय फाउंडेशन, एक चार वर्षीय गैर सरकारी संगठन ने वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक तड़प और उपचार के लिए पारंपरिक योग के प्रभावी अभ्यास का प्रसार करने के लिए एक शताब्दी संगठन कैवल्यधाम के सहयोग से एक कल्याण कार्यक्रम शुरू किया है।
जिस दौरान कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अनिल माहेश्र्वेरी ने विजय फाउंडेशन की स्थापना के लिए सुश्री ममता सिंह शुक्ला की सराहना की।
वहीं सुश्री ममता ने विजय फाउंडेशन की नीव रखने की वजह बताते हुए कहा कि, उस दिन के उजाले में अपने घर में घुसे तीन सशस्त्र घुसपैठियों से उनके तीन साल के लड़के की जान बचाने के लिए घरेलू सहायिका 17 वर्षीय विजय ने अपनी जान दाव पर लगा दी थी।
उन्होंने बताया कि उस घटना के दौरान बदमाशो ने विजय पर भी बेरहमी से हमला किया था। जिसकी कारण उनके गर्भ में पल रहे आठ माह के शिशु की मृत्यु हो गई थी। जिस वजह से इस साहसिक घटना के लिए साहयिका विजय की याद में एनजीओ शुरू किया है। जो कार्यक्रम 18 सितंबर से शुरू हो रहा है।
सहायिका विजय के इस अदम्य साहस के लिए तत्कालीन प्रधान मंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने उन्हें सम्मानित किया था। एक मासूम लड़की विजय ने सुश्री ममता सिंह शुक्ल की सेवा में अपना जीवन दाव पर लगा दिया, जो उसे बिहार में अपने गाँव से लायी थी। वह उन्हें अपनी बहन कहकर बुलाती थी। इस दौरान ममता विजय के बलिदान को याद करते हुए रो पड़ी।