राजभर ने नौकरियों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व के आकलन के फैसले का किया स्वागत


सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए राजभर ने कहा कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहते हुए उन्होंने अति पिछड़ी जातियों की भागीदारी और हिस्सेदारी मांग बराबर करते रहे हैं। इसके बाद ही योगी सरकार ने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। समाजवादी पार्टी से रिश्ता टूटने के बाद सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा के प्रति नरम दिख रहे हैं। इसी क्रम में राजभर ने नौकरियों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व के आकलन के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी में शामिल 79 जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन करने के फैसले का स्वागत भी किया है।

राजभर ने कहा कि सरकार द्वारा आकलन के बाद जो भी तथ्य सामने आए, उसके अनुसार सरकार को उपेक्षित व वंचित जातियों को उनका हक देने के बारे में भी कदम उठाना चाहिए। साथ ही सरकार को सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। तभी ओबीसी में शामिल 79 अतिपिछड़ी जातियों को उनका प्रतिनिधित्व मिल पाएगा।

सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए राजभर ने कहा कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहते हुए उन्होंने अति पिछड़ी जातियों की भागीदारी और हिस्सेदारी मांग बराबर करते रहे हैं। इसके बाद ही योगी सरकार ने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था।

उन्होंने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट तो सरकार को दे दी है, लेकिन समिति की सिफारिशों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। सरकार की नई पहल से अतिपिछड़ों में उम्मीद जगी है। इसलिए सरकार को तत्काल ओबीसी के प्रतनिधित्व का आकलन कराके फैसला लेना चाहिए। ताकि इन उपेक्षित लोगों को उनका हक मिल सके।

राजभर ने कहा कि योगी सरकार की इस पहल से लगने लगा है कि प्रदेश सरकार सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताते हुए मांग किया है कि 2024 के चुनाव के पहले सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू किया जाए, ताकि ओबीसी समाज को उनकी संख्या के मुताबिक भागीदारी मिल सके।



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