बलिदान करने वालों को नमन : योगी

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि 26 जून 1975 को सरकार की आलोचना करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और हजारों अन्य विपक्षी नेताओं को देशभर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूरा विपक्ष अब सीखचों के पीछे कैद था। केशव मौर्य ने आपाताकाल को भारतीय लोकतंत्र पर कांग्रेस का सबसे बड़ा कुठाराघात भी बताया।

लखनऊ। देश में आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र पर कुठाराघात को याद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने आपातकाल का विरोध करने वाले नेताओं के संघर्ष की सराहना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ट्वीट किया कि आज भारत के इतिहास का सबसे काला दिन है। एक परिवार की राजनीतिक लिप्सा ने 1975 में आज के दिन ही लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट, ‘आपातकाल’ थोप कर मां भारती को बेड़ियों में जकड़ दिया था। महामानवों को नमन, जिनके बलिदान ने लोकतंत्र की पुनः प्राणप्रतिष्ठा कर मां भारती को गौरव भूषित किया। 

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि 26 जून 1975 को सरकार की आलोचना करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और हजारों अन्य विपक्षी नेताओं को देशभर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूरा विपक्ष अब सीखचों के पीछे कैद था। केशव मौर्य ने आपाताकाल को भारतीय लोकतंत्र पर कांग्रेस का सबसे बड़ा कुठाराघात भी बताया। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट किया कि कांग्रेस की काली करतूत और भारतीय लोकतंत्र के सबसे दुःखद अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठे हर स्वर का हृदय से वंदन। 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र का काला अध्याय…आपातकाल के अनुमति पत्र पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पहले ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, आडवाणी और अटल जी जैसे राष्ट्रीय नेताओं के साथ सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया था।

गौरतलब है कि देश में 25 जून का दिन एक विवादस्पद फैसले के लिए जाना जाता है। इस दिन देश में आपातकाल लगाने की घोषणा हुई। 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई और 26 जून 1975 से 21-मार्च 1977 तक यानी 21 महीने की अवधि तक आपातकाल जारी रहा। आपातकाल के फैसले को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पूरे देश में काफी विरोध हुआ। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए और नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिए गए। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया। यह भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल कहा जाता है।

आज भारत के इतिहास का सबसे काला दिन है। एक परिवार की राजनीतिक लिप्सा ने 1975 में आज के दिन ही लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट, ‘आपातकाल’ थोप कर मां भारती को बेड़ियों में जकड़ दिया था। महामानवों को नमन, जिनके बलिदान ने लोकतंत्र की पुनः प्राणप्रतिष्ठा कर मां भारती को गौरव भूषित किया। – योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

First Published on: June 25, 2020 8:38 PM
Exit mobile version