अली अहमद को झटका, सुरक्षा की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज


याचिकाकर्ता ने जेल बदलने या पेशी पर ले जाते समय यूपी पुलिस के बजाय केंद्रीय सुरक्षा बलों की मांग की गई थी। पुलिस ने अली अहमद को उमेश पाल शूटआउट केस में आरोपी बनाया है। जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विनोद दिवाकर की डिवीजन बेंच ने याचिका को ख़ारिज कर दिया है। 


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उत्तर प्रदेश Updated On :

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे अली अहमद (Ali Ahmed) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से ज़बरदस्त झटका लगा है, कोर्ट ने अली अहमद की सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अली अहमद के अधिवक्ता के कोर्ट में मौजूद न रहने के चलते याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इससे पहले आशंका के आधार पर की गई सुरक्षा की मांग को लेकर बेहतर हलफनामा मांगा था।

दरअसल अतीक अहमद का बेटा अली अहमद नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। अली अहमद ने पेशी के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर ख़तरा बताया था, जिसके बाद सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अतीक के बेटे की याचिका को ये कहकर खारिज कर दिया कि काल्पनिक आधार खतरा बताकर कोर्ट के द्वारा सुरक्षा के आदेश नहीं मिल सकते। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि पेशी के दौरान सुरक्षा खतरे को लेकर कुछ विश्वसनीय सबूत भी होने चाहिए ताकि कोर्ट उस पर सरकार को समादेश जारी कर सके

अतीक अहमद के बेटे अली अहमद ने याचिका में कहा था कि कोर्ट में पेशी के दौरान उस पर जानलेवा हमला हो सकता है। इसलिए उनकी पूरी सुरक्षा करने या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी करने का आदेश दिया जाये। याचिका में जेल से वारंट तामील कराने के दौरान सुरक्षा की मांग की गई थी। इसके साथ ही सुरक्षा कारणों से अली की जेल बदलने की भी मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने जेल बदलने या पेशी पर ले जाते समय यूपी पुलिस के बजाय केंद्रीय सुरक्षा बलों की मांग की गई थी। पुलिस ने अली अहमद को उमेश पाल शूटआउट केस में आरोपी बनाया है। जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विनोद दिवाकर की डिवीजन बेंच ने याचिका को ख़ारिज कर दिया है।

 



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