लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार पर विपक्ष हमले कर रहा है। मोदी की हर नीतियों को जनविरोधी बताते हुए दूसरे राज्यों में विपक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता आये दिन योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करके गिरफ्तार हो रहे हैं। लेकिन राज्य में सपा-बसपा का विरोध ट्विवटर से आगे नहीं बढ़ रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती योगी सरकार का सिर्फ ट्विटर पर विरोध कर रहे हैं।
सपा-बसपा ने कार्यकर्ताओं पर मोदी-योगी सरकार का विरोध करने पर अघोषित पाबंदी लगा रखी है। जिसके कारण दोनों दलों के शीर्ष नेता ट्विटर पर विरोध करके खानापूर्ति का खेल कर रहे हैं। जिससे जनता में साख बची रहे।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड को जनता केयर्स फंड में तब्दील करने की मांग की है। सपा अध्यक्ष ने बुधवार को एक ट्वीट कर कहा “चुनावी रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी पर अरबों का प्रचार फ़ंड खर्च करने वाली वर्तमान सत्ता के पास क्या शिक्षार्थियों-शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षण के लिए व्यवस्था करने का फ़ंड नहीं है?” उन्होंने कहा “भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फ़ंड को जनता केयर्स फ़ंड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे।” अखिलेश ने ट्वीट के साथ अपने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में छात्रों को मुफ्त लैपटॉप बांटने की तस्वीरें भी पोस्ट की।
चुनावी रैली के लिए लाखों LED TV लगवाकर अरबों का प्रचार फ़ंड खर्च करनेवाली वर्तमान सत्ता के पास क्या शिक्षार्थियों-शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षण के लिए व्यवस्था करने का फ़ंड नहीं है. भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फ़ंड को जनता केयर्स फ़ंड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे. pic.twitter.com/ZoHhm1Pex9
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 23, 2020
सपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात के बीच स्कूल खोलने के विचार का भी विरोध किया।
उन्होंने कहा “कोरोना काल में शिक्षण सत्र को निरंतर रखने के लिए स्कूल खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है। सरकार गरीब परिवारों में प्रति विद्यार्थी एक स्मार्ट फोन, इंटरनेट नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराए। साथ ही शिक्षकों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर दे। भाजपा सरकार परिवारवालों से सलाह ले।”