राजघाट पर कश्मीर के लालचौक जैसा था माहौल, पुलिस ने गांधी प्रतिमा के समक्ष झंडा फहराने से रोका


गांधी-विनोबा-जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामधीरज ने कहा कि अभी का माहौल बिल्कुल इमरजेंसी जैसा हो गया है और आज आजादी के दिन भी आजादी के साथ न तो हम काम कर सकते हैं और ना तो सभा कर सकते हैं।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

वाराणसी। सर्व सेवा संघ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज गांधी प्रतिमा के पास झंडारोहण का कार्यक्रम घोषित किया था। लेकिन वहां मौजूद भारी पुलिस बल ने झंडा फहराने की अनुमति तो नहीं दी, वहां खड़े भी नहीं होने दिया। गेट से दूर जाकर लोकतंत्र सेनानी राम धीरज और ईश्वर चंद बैठ गये। थोड़ी देर बाद वहां से भी पुलिस ने हटा दिया। गांधीवादियों के डटे रहने पर पुलिस से काफी देर तक नोक-झोक और बहस के बाद गांधीवादी झंडा लहराने में तो किसी तरह सफल हो गए लेकिन झंडा फहरा नहीं पाए।

आज यहां पूरा माहौल कश्मीर के लाल चौक जैसा था। गांधीवादी तो 25-30 की संख्या में थे लेकिन पुलिस और  आरपीएफ के जवान 500 से अधिक थे। गांधीवादियों के नारे लगाने और भाषण के दौरान भी पुलिस ने कई बार रोक-टोक किया। अंततः प्रो. आनंद कुमार के भाषण के समय तो पुलिस ने बिल्कुल रोक दिया। उनके यह कहने पर कि राजा नंगा हो गया है पुलिस झगड़े पर आमादा हो गई और अंततः सभा समाप्त करना पड़ा। गांधीवादियों ने भारत माता की जय, 15 अगस्त जिंदाबाद, वंदे मातरम के नारे लगाते हुए, बसंत कालेज के गेट तक गए और वहां से लौटकर फिर घाट तक। वहां भी पुलिस बल पीछे-पीछे चला रहा।  9:00 बजे कार्यक्रम समाप्त कर गांधीवादी लौट गए।

आज 15 अगस्त को 12 बजे सर्व सेवा संघ के नए कार्यालय का सोनिया पोखरा के पास शुभारंभ होना था। लेकिन वहां भी पुलिस पहुंच गई और मकान मालिक ने कार्यालय के लिए जगह देने से मना कर दिया। गांधी-विनोबा-जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामधीरज ने कहा कि अभी का माहौल बिल्कुल इमरजेंसी जैसा हो गया है और आज आजादी के दिन भी आजादी के साथ न तो हम काम कर सकते हैं और ना तो सभा कर सकते हैं।

 

आज के दिन भी पुलिस कह रही थी, क्या आपने यहां आने और झंडा फहराने की अनुमति ली है? यह रेलवे की जगह है। यहां आपको आने की अनुमति नहीं है। आपको जो करना है, रेलवे स्टेशन पर जाकर करिए।

आज सर्व सेवा संघ पर झंडा फहराने के लिए प्रो. आनंद कुमार, राम धीरज, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद सिंह कुशवाहा, जेपी आंदोलन के साथी ईश्वर चंद और गया से वाहिनी के साथी उपेंद्र, वयोवृद्ध शिक्षक विद्याधर एवं मध्य प्रदेश बड़वानी से ध्रुव कुमार, सीपी प्रजापति, विनोद जायसवाल, विनोद कुशवाहा, जीतेंद्र खादी, कहकशा खान, धीरेंद्र सिंह, आकिब भाई आदि मुख्य साथी उपस्थित थे।



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