संविधान बचाने के लिए केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनवानी होगी- शाहनवाज़ आलम


इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 1976 में संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए समाजवादी और सेकुलर शब्द को भी भाजपा सरकारें हटाने की कोशिश करती रही हैं। संघ के मुख्य मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वो संविधान को बदलना चाहते हैं।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। संविधान दिवस के दिन हमें संविधान के मूल ढांचे और मूल्यों को बचाने का संकल्प लेना होगा। भाजपा संविधान को बदलकर फिर से मनुवादी व्यवस्था को लागू करना चाहती है। उस व्यवस्था में कमज़ोर तबकों को पढ़ने, लिखने और ज़मीन रखने तक का अधिकार नहीं होता था। सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 124 वीं कड़ी में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 26 नवम्बर 1949 को बाबा साहब ने संविधान की प्रति प्रधानमंत्री नेहरू जी की मौजूदगी में राष्ट्रपति को सौंपी थी। इसके चार दिन बाद 30 नवम्बर 1949 को ही आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में संविधान की जगह मनु स्मृति के शासन को लागू करने के पक्ष में लेख प्रकाशित हुआ। उन्होंने कहा कि देश के पहला चुनाव जनसंघ ने मंदीर में दलितों के प्रवेश और छुआछूत को अपराध घोषित करने के खिलाफ़ लड़ा था। वहीं इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 1976 में संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए समाजवादी और सेकुलर शब्द को भी भाजपा सरकारें हटाने की कोशिश करती रही हैं। संघ के मुख्य मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वो संविधान को बदलना चाहते हैं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि ऐसे में ज़रूरी है कि संविधान के समर्थक तबके केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनवाएं क्योंकि सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि आज अल्पसंख्यक कांग्रेस की तरफ से मदरसों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़वाकर संविधान बचाने का संकल्प दिलवाया गया।



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