ग्रेटर नोएडा में काम करने पहुंचे मजदूर तो सोसाइटी के लोगों ने विरोध कर बंद कराया काम


लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने बिना किसी अनुमति के मजदूरों को बाहर से लाया गया है, जो कि सोसाइटी की उसी लिफ्ट का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे यहां के निवासी भी आवाजाही करते हैं। स्वाभाविक है कि कोरोना संक्रमण की आशंका से निवासियों अपनी शिकायत पुलिस से की, जिस पर पुलिस ने काम बंद करवा दिया है।



गौतमबुद्धनगर। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पैरामाउंट इमोशन सोसाइटी में गत बुधवार को लगभग ढाई दर्जन से अधिक मजदूर निर्माण कार्य करने पहुंचे। लेकिन सोसाइटी के स्थानीय निवासियों ने इसका काफी विरोध किया और मामला सुलझता हुआ न देख गौतमबुद्धनगर पुलिस से शिकायत की।
लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने बिना किसी अनुमति के ही काम शुरू किया है। इसके अलावा, मजदूरों को बाहर से लाया गया है, जो कि सोसाइटी की उसी लिफ्ट का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे यहां के निवासी भी आवाजाही करते हैं। स्वाभाविक है कि कोरोना संक्रमण की आशंका से निवासियों अपनी शिकायत पुलिस से की, जिस पर पुलिस ने काम बंद करवा दिया है। 

इस बारे में स्थानीय लोगों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में कुल 1700 फ्लैट का निर्माण होना है। फिलवक्त काफी फ्लैट बन चुके हैं और सोसाइटी में लगभग  500 परिवार रह भी रहे हैं। लेकिन गत बुधवार को सम्बंधित बिल्डर ने अपना अधूरा काम पूरा कराने के लिए अपने मजदूरों को बिना पर्याप्त अनुमति लिए ही काम पर लगा दिया। 

आरोप है कि सोसाइटी के बाहर से मजदूरों को लगाया गया है और उनकी कोरोना जांच भी नहीं करवाई गई है। क्योंकि जब स्थानीय लोगों द्वारा बिल्डर से पूछा गया तो उसने जांच करवाने की बात तो कही, लेकिन इस बाबत कोई प्रमाणपत्र नहीं दिखा सका, जिससे लोग सशंकित हो उठे। लोगों ने सम्बंधित बिल्डर पर प्रशासन की बिना अनुमति के ही काम शुरू करने का और बाहर से मजदूर लाने का आरोप लगाया है, जो बेहद संगीन मामला प्रतीत हो रहा है।

दरअसल, लोगों का आरोप है कि जिन टावर में लोग रह रहे हैं, उन्हीं में कुछ फ्लैट का काम अभी भी अधूरा है, जिसे पूरा करवाने के लिए उसने ऐसा किया, जिससे पूरी सोसाइटी में संक्रमण का खतरा उत्प्न्न हो चुका था। लेकिन लोगों ने साहस और समझदारी से काम लेते हुए  पुलिस को इत्तिला दे दी। फिर सूचना मिलते ही बिसरख थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जिन्हें बिल्डर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति सम्बन्धी पत्र भी नहीं दिखा सका। लिहाजा, पुलिस का कहना है कि उसने काम बंद करवा दिया है। उसे अनुमति मिली है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। 

बताया जाता है कि बिल्डर को काम करवाने की मंजूरी मिलने के बाद मजदूरों को प्रोजेक्ट के अंदर ही रहने की व्यवस्था करनी होगी। उनके कोरोना की जांच होने और सभी आवश्यक प्रमाण पत्र पूरे करने के बाद ही अब उसे काम शुरू करना होगा। इस बात का विरोध करने वालों में अभय जैन, रोहित गुप्ता, मानिंदर, विक्रम, डीके सिन्हा, बीके गुप्ता, अजय ओझा, वरुण समेत अन्य लोग प्रमुख हैं, जिन्होंने कोरोना प्रकोप के बीच साहसिक कार्य किया है। इससे आमलोगों को वहां राहत मिली है।



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