आखिर क्यों आत्मदाह का स्थल बनता जा रहा यूपी का विधान भवन… ?


प्रदेश की राजधानी में स्थित विधान भवन और लोक भवन के सामने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए करीब 363 लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं। यही नहीं अभी भी ऐसा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये आंकड़े पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक के हैं।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। अपनी अदबो-आदाब और ‘आप लखनऊ में हैं जनाब ज़रा खुलकर मुस्कराइए’ के लिए मशहूर यूपी की राजधानी लखनऊ की शान ही अलग है तो वहां की शाम का भी शायरों की शायरी में बखूबी जिक्र है। बेग़म हज़रात महल हो या कैसरबाग़ या फिर हज़रतगंज यहां की बात ही निराली है, लेकिन इन दिनों नवाबों का शहर लगातार बढ़ रहे आत्मदाह और आत्मदाह के प्रयास के मामले को लेकर चर्चाओं में हैं।

प्रदेश की राजधानी में स्थित विधान भवन और लोक भवन के सामने अब तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए करीब 363 लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं। यह सिलसिला कब रूकेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है। महीने दर महीने आत्मदाह का प्रयास करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये आंकड़े पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक के हैं। हैरानी की बात यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग विधान भवन या लोक भवन के सामने आत्मदाह करने को मजबूर क्यों हैं?

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं कि आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए, इसके बावजूद लोगों को सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में एक महिला ने विधान भवन के सामने खुद को आग लगा ली थी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था।

घटना के बाद माना जा रहा था कि शायद लोगों की समस्याओं की अधिकारी सुनवाई करें लेकिन आत्मदाह के बढ़ते मामलों को देखकर यही लगता है कि प्रशासनिक लापरवाही और अधिकारियों के नहीं सुनने के चलते लोगों को ऐसा करने पर विवश होना पड़ रहा है। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए, जहां उकसाने के बाद लोगों ने मुख्यमंत्री ऑफिस, विधान या लोक भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।

बीते सात माह में सात जुलाई से अब तक विधानभवन और लोक भवन के सामने 363 लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं। लगातार आत्मदाह का प्रयास करने वालों संख्या बढ़ती ही जा रही है। विधानभवन और लोक भवन के आस पास इतनी अधिक सुरक्षा और रोजाना रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक यह मार्ग बंद किए जाने के बाद भी लोग सुरक्षा के घेरे को भेदने में सफल हो रहे हैं।

वह किसी न किसी तरह विधानभवन और लोकभवन के आस पास पहुंच ही जाते हैं। आत्मदाह का प्रयास करने वाले लोगों में सर्वाधिक गैर जनपदों के हैं। शुक्रवार को हरदोई से एक परिवार के सात लोग आत्मदाह का प्रयास करने पहुंचे। हालांकि पुलिस की तत्परता से सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। ये भी कहा जा रहा है कि जिलों में सुनवाई न होने के कारण लोग लखनऊ आ रहे हैं।

पुलिस की मानें तो लोक भवन और विधानभवन के सामने अब तक जो आत्मदाह का प्रयास करने के लिए आए हैं उसमें से अधिकतर लोग गैर जनपदों के हैं। जनपदों में सबसे अधिक जमीन को लेकर विवाद हैं। वही लोग बिना किसी को बताए यहां आ जाते हैं। हालांकि इन घटनाओं को रोकने के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया है। भारी पुलिस बल लोकभवन के आस पास तैनात रहता है। जो पूरी तरह से सतर्क रहता है।



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